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मेलबर्न, 2020-2021 बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी:दूसरे टेस्ट मैच के दौरान मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड (MCG) पर एक भावनात्मक पल सामने आया, जिसने भारतीय क्रिकेट टीम में नेतृत्व और सहयोग की अहमियत को उजागर किया। उस समय के भारतीय कप्तान विराट कोहली ने मोहम्मद सिराज को मैदान पर डेब्यू करते हुए भावनात्मक समर्थन और मार्गदर्शन दिया, क्योंकि सिराज अपने पिता के निधन के बाद पहली बार टेस्ट मैच खेल रहे थे।
जब सिराज मैदान पर उतरे, तो कोहली ने उन्हें करीब आकर कहा, “हास के बात नहीं करना, बस अपना गेम खेल।” इसका मतलब था, “हंसी-मज़ाक मत करो, बस अपने खेल पर ध्यान दो।” कोहली के ये शब्द सिराज को मानसिक रूप से मजबूत रहने और अपनी भावनाओं पर काबू रखने के लिए थे, ताकि वह मैच में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर सकें।
यह पल सिराज के लिए भावनाओं का मिश्रण था, क्योंकि वह अपने पिता की याद में खेल रहे थे, लेकिन कोहली के शब्दों ने उन्हें संजीवनी दी। कोहली की यह सलाह सिराज को केवल खेल पर ध्यान केंद्रित करने के लिए नहीं थी, बल्कि यह उनके साथ सहानुभूति और समर्थन का भी प्रतीक थी।
कोहली की यह संक्षिप्त लेकिन प्रभावशाली सलाह उनके नेतृत्व और खेल के मानसिक पहलुओं को समझने की क्षमता को दर्शाती है। यह साबित करता है कि कोहली केवल एक कप्तान नहीं, बल्कि एक मेंटर, दोस्त और सहायक के रूप में भी टीम के लिए खड़े रहते हैं।
कोहली के शब्दों से प्रेरित होकर सिराज ने शानदार प्रदर्शन किया, और मैच में महत्वपूर्ण विकेट हासिल किए, जिनमें ऑस्ट्रेलिया के शीर्ष बल्लेबाजों के विकेट भी शामिल थे। सिराज की इस मानसिक मजबूती और धैर्य की हर ओर सराहना हुई, और वह केवल अपनी गेंदबाजी के लिए ही नहीं, बल्कि मानसिक शक्ति के लिए भी चर्चित हुए।
यह पल उस श्रृंखला के सबसे यादगार क्षणों में से एक बन गया, जिसने नेतृत्व, दोस्ती और टीम के भीतर एक-दूसरे का समर्थन करने की ताकत को प्रदर्शित किया। एमसीजी पर हुई यह घटना क्रिकेट के मानवीय पक्ष को भी दर्शाती है, जहां खिलाड़ी व्यक्तिगत संघर्षों के बावजूद अपने साथियों के सहारे से उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हैं।
– कार्तिक