संसद बजट सत्र: अमेरिका से भारतीयों के डिपोर्टेशन पर हंगामा, विदेश मंत्री एस जयशंकर देंगे बयान

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संसद का बजट सत्र अब अपनी तीव्रता को बढ़ा चुका है, और आज के सत्र के दौरान विपक्षी दलों ने अमेरिका से भारतीय नागरिकों के डिपोर्ट किए जाने का मुद्दा जोर-शोर से उठाया। यह मुद्दा अब संसद के दोनों सदनों में गूंज रहा है, और राज्यसभा में इस पर विदेश मंत्री एस जयशंकर आज दोपहर 2 बजे अपना बयान देंगे। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (AAP) के सांसदों ने इस पर चर्चा की मांग करते हुए लोकसभा और राज्यसभा में स्थगन प्रस्ताव के नोटिस दिए थे।

बजट सत्र का पांचवां दिन

संसद के चालू बजट सत्र का आज पांचवां दिन है। इस दिन लोकसभा में आम बजट पर चर्चा की शुरुआत हो रही है। वहीं, राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा जारी रहेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब देंगे। इससे पहले मंगलवार को पीएम मोदी ने लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब दिया था। बजट सत्र के इस दिन दोनों सदनों में विधायी कार्यों के अलावा सांसदों द्वारा विभिन्न मंत्रालयों से संबंधित सवाल पूछे जाएंगे।

प्रश्नकाल में उठे कई मुद्दे

आज के प्रश्नकाल में कई अहम मुद्दों पर सवाल उठाए गए। टीएमसी सांसद रीताब्रत बनर्जी ने रुपये की गिरती कीमतों का मुद्दा उठाया और पूछा कि लोन और ब्याज के भुगतान के लिए सरकार की क्या योजना है। इसके जवाब में सरकार की ओर से मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि यह प्रश्न मुख्य विषय से संबंधित नहीं है।

अमेरिका से भारतीयों के डिपोर्टेशन पर विपक्षी हंगामा

विपक्ष ने राज्यसभा में भी अमेरिका से भारतीयों के डिपोर्टेशन का मुद्दा उठाया। कांग्रेस सांसद नासिर हुसैन ने यह आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में किसी दूसरे देश के राष्ट्रपति चुनाव में प्रचार किया और उसके बाद ही भारतीयों के खिलाफ कार्रवाई की गई। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे पूरी तरह से गलत और झूठा बताया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने किसी के लिए प्रचार नहीं किया और न ही ऐसा कोई मामला सामने आया है। इस पर नासिर हुसैन ने विदेश मंत्री के खिलाफ असंसदीय शब्दों के इस्तेमाल का आरोप लगाया, लेकिन उपसभापति ने इसे अस्वीकार कर दिया और सदन के नियमों का हवाला दिया।

मनोज झा और अन्य सांसदों ने उठाए महत्वपूर्ण मुद्दे

आरजेडी सांसद प्रोफेसर मनोज झा ने बिहार में बुद्धिस्ट सर्किट और जैन सर्किट के साथ-साथ राज्य में मातृ शक्ति केंद्रों के बारे में सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि क्या बिहार सरकार की ओर से इस पर कोई प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया है, और क्या केंद्र इस पर कुछ करेगा? केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि इस मुद्दे पर राज्य सरकार से प्रस्ताव मिलना जरूरी है, और यदि कोई प्रस्ताव आता है, तो उस पर विचार किया जाएगा।

झारखंड में मोबाइल टावरों पर भी सवाल

झारखंड से बीजेपी सांसद आदित्य प्रसाद ने सवाल उठाया कि राज्य में स्वीकृत मोबाइल टावरों का काम क्यों शुरू नहीं हो पाया है। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस पर जवाब देते हुए कहा कि सर्वे के बाद कई गांवों में टावरों की स्थापना की जा चुकी है, और झारखंड में भी जल्द ही काम शुरू हो जाएगा।

भारत के डेटा क्षेत्र में हो रही प्रगति

संसद में मोबाइल टैरिफ बढ़ाए जाने के मुद्दे पर भी चर्चा हुई। कांग्रेस सांसद सुरजेवाला ने सवाल किया कि क्या सरकार मोबाइल कनेक्टिविटी के बढ़ते खर्च पर कोई कदम उठाएगी। इस पर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने जवाब दिया कि भारत में डेटा और कॉल की कीमतें दुनिया भर में सबसे सस्ती हैं। उन्होंने बताया कि 2014 में मोबाइल कनेक्टिविटी की दरें काफी महंगी थीं, लेकिन अब यह काफ़ी सस्ती हो गई हैं।

आज संसद के बजट सत्र के दौरान विपक्ष और सरकार के बीच तीव्र बहस देखने को मिली। जहां एक ओर अमेरिका से भारतीयों के डिपोर्टेशन का मुद्दा हंगामे का कारण बना, वहीं दूसरी ओर सांसदों ने कई अन्य महत्वपूर्ण राष्ट्रीय मुद्दों पर भी सरकार से जवाब मांगा। बजट सत्र के अगले दिनों में भी ऐसे ही महत्वपूर्ण चर्चाएँ जारी रहने की संभावना है।

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