दिल्ली की साकेत कोर्ट ने पत्रकार राना अय्यूब के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है। यह आदेश एक वकील की शिकायत पर आया, जिसमें अय्यूब पर आरोप लगाया गया कि उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ (पूर्व में ट्विटर) पर हिंदू देवताओं का अपमान किया और भारत विरोधी भावनाओं को फैलाया।
आर्टिकल में –
कोर्ट का आदेश और एफआईआर के प्रावधान
साकेत कोर्ट के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट हिमांशु रमन सिंह ने इस मामले पर विचार करते हुए कहा कि राना अय्यूब के खिलाफ “प्रारंभिक रूप से” (prima-facie) अपराध बनते हैं, जिन्हें सजा योग्य माना गया है। इसके बाद कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया।
एफआईआर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 153A (धार्मिक आधार पर दुश्मनी फैलाने), 295A (जानबूझकर और शरारतपूर्ण कृत्य, जिससे धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचे), और 505 (जनता में अफवाहें फैलाने और शांति भंग करने वाली बयानबाजी) के तहत दर्ज की गई है।
शिकायतकर्ता का आरोप
शिकायतकर्ता और वकील अमिता सचदेवा, जो इस मामले में शिकायतकर्ता हैं, ने आरोप लगाया कि राना अय्यूब ने सोशल मीडिया पर ऐसे पोस्ट किए हैं जो भारत विरोधी और हिंदू धर्म का अपमान करने वाले हैं। अमिता सचदेवा वही वकील हैं जिन्होंने दिल्ली आर्ट गैलरी में प्रदर्शित एम एफ हुसैन के दो “आपत्तिजनक” कला कार्यों के मामले में भी शिकायत दर्ज करवाई थी।
एफआईआर का इतिहास और न्यायिक प्रक्रिया
अमिता सचदेवा ने पिछले साल नवंबर में राष्ट्रीय साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल के माध्यम से राना अय्यूब के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई की मांग करते हुए एक शिकायत दर्ज की थी। हालांकि, दिल्ली पुलिस ने तब तक कोई कार्रवाई नहीं की थी। इसके बाद सचदेवा ने भारतीय दंड संहिता (CrPC) की धारा 156(3) के तहत कोर्ट से आवेदन किया, जिससे पुलिस को जांच करने का आदेश दिया गया। कोर्ट ने उनकी याचिका को स्वीकार किया और पुलिस को एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया।
राना अय्यूब का जवाब
राना अय्यूब, जो एक प्रसिद्ध पत्रकार और लेखिका हैं, सोशल मीडिया पर अपने स्पष्ट विचारों के लिए जानी जाती हैं। उन्होंने इस मामले पर अभी तक कोई सार्वजनिक बयान नहीं दिया है, लेकिन उनके समर्थकों का कहना है कि उनके खिलाफ उठाए गए आरोप बिना किसी ठोस आधार के हैं और यह एक तरह से उनके स्वतंत्रता-व्यक्तित्व पर हमला है।
सोशल मीडिया पर बढ़ती विवादास्पद पोस्ट्स
राना अय्यूब के सोशल मीडिया अकाउंट्स पर कई बार विवादास्पद पोस्ट्स और बयान आए हैं, जिन्हें कई बार आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है। उनका कहना है कि वे हमेशा अपने विचारों को स्वतंत्र रूप से प्रकट करती हैं और उनके पोस्ट्स को गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया है।
कानूनी कार्रवाई की संभावना
इस एफआईआर के बाद, राना अय्यूब के खिलाफ आगे की कानूनी कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है। पुलिस अब इस मामले की जांच करेगी और यदि उन्हें कोई ठोस सबूत मिलता है तो वे आगे की कानूनी प्रक्रिया को लागू करेंगे।
समाज में विवाद और प्रभाव
यह मामला न केवल पत्रकारिता के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण चर्चा का विषय बन गया है, बल्कि यह भारत में सोशल मीडिया के बढ़ते प्रभाव और उस पर व्यक्त की जाने वाली स्वतंत्रता को लेकर भी एक बहस का कारण बन चुका है। कुछ लोगों का मानना है कि सोशल मीडिया पर विचारों की स्वतंत्रता की रक्षा की जानी चाहिए, जबकि अन्य इसे समाज में असहमति और तनाव फैलाने के रूप में देखते हैं।
दिल्ली कोर्ट के आदेश और एफआईआर के बाद राना अय्यूब के खिलाफ कानूनी प्रक्रिया आगे बढ़ेगी, और इस मामले में और भी दिलचस्प मोड़ आ सकते हैं।
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