ओडिशा और छत्तीसगढ़ पुलिस की संयुक्त कार्यवाही में सोमवार को 12 संदिग्ध माओवादी मारे गए। यह मुठभेड़ छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के उदंती-सितानदी टाइगर रिजर्व के अंदर हुई। यह स्थान छत्तीसगढ़-ओडिशा सीमा के पास स्थित है। यह ऑपरेशन माओवादियों की गतिविधियों को रोकने के लिए चलाए जा रहे लगातार अभियानों का हिस्सा है।
कैसे हुई माओवादी से मुठभेड़?
यह अभियान 19 जनवरी को शुरू हुआ, जब ओडिशा पुलिस, छत्तीसगढ़ पुलिस, और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) को माओवादियों की गतिविधियों के बारे में सूचना मिली। माओवादियों का समूह सोनाबेड़ा-धरमबंधा कमेटी का हिस्सा था, जो ओडिशा-छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती क्षेत्रों में सक्रिय है। सुबह 8 बजे मुठभेड़ शुरू हुई, जो गरियाबंद मुख्यालय से 60-70 किमी दूर और ओडिशा सीमा से करीब 20 किमी की दूरी पर हुई। मौके पर ही 12 संदिग्ध माओवादी मारे गए, जबकि कुछ भागने में सफल रहे।
सुरक्षा बलों की साहसिक कार्यवाही
इस अभियान में Commando Battalion for Resolute Action (CoBRA), CRPF, और ओडिशा की विशेष ऑपरेशन ग्रुप (SOG) शामिल रहे। मुठभेड़ के दौरान CoBRA के एक जवान को मामूली चोटें आईं। यह विशेष बल एंटी-नक्सल ऑपरेशन्स के लिए प्रशिक्षित हैं और सीमावर्ती इलाकों में माओवादी गतिविधियों पर अंकुश लगाने में हमेशा अग्रणी रहते हैं।
20 जनवरी की घटना
इससे पहले, 20 जनवरी को, सोनाबेड़ा-धरमबंधा कमेटी की दो महिला माओवादियों को गरियाबंद पुलिस और CRPF के संयुक्त अभियान में मार गिराया गया था।
पुलिस का बयान और अपडेट
छत्तीसगढ़ पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “अब तक 10 से ज्यादा माओवादियों को मारा गया है। सर्च ऑपरेशन जारी है। और अधिक जानकारी तब मिलेगी जब बल लौटेंगे।”
अब तक की माओवादी विरोधी सफलता 2025 की शुरुआत से ही, ओडिशा और छत्तीसगढ़ के सुरक्षा बलों ने माओवादी विरोधी अभियान में 15 माओवादियों को मार गिराया। इस प्रकार के ऑपरेशन से माओवादी गतिविधियों पर लगाम लगाना संभव हो रहा है।
सोनाबेड़ा-धरमबंधा कमेटी क्या है?
यह माओवादी संगठन ओडिशा और छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती इलाकों में सक्रिय है। यह इलाका सुरक्षा बलों के लिए लंबे समय से चुनौती बना हुआ है। पिछले कुछ महीनों में इनकी ताकत कम करने के लिए लगातार अभियान चलाए जा रहे हैं।
अभियान की खासियत
राज्य और केंद्रीय बलों का यह संयुक्त प्रयास माओवादी समस्या को खत्म करने की दिशा में बड़ा कदम है। सीमावर्ती क्षेत्रों को माओवादियों से मुक्त करने का अभियान आगे भी जारी रहेगा।
– कार्तिक