महाकुंभ 2025 ने पूरी दुनिया का ध्यान खींचा है, और इस साल खासतौर पर इस्लामिक देशों जैसे पाकिस्तान, यूएई और कतर से इसके प्रति बढ़ती रुचि ने इसे एक वैश्विक घटना बना दिया है। यह बढ़ती दिलचस्पी महाकुंभ के सार्वभौमिक आध्यात्मिक आकर्षण और विभिन्न सांस्कृतिक और धार्मिक भेदभाव को मिटाने की क्षमता को उजागर करती है।
महाकुंभ, जो प्रत्येक 12 वर्ष में उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों के संगम पर आयोजित होता है, एक विशाल हिंदू धार्मिक मेला है। लेकिन 2025 में यह मेला एक वैश्विक घटना के रूप में उभरा है, जिसमें दुनिया भर से लाखों श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। खास बात यह है कि इस बार इस्लामिक बहुल देशों से, जैसे पाकिस्तान, कतर, यूएई और बहरीन से महाकुंभ के प्रति अभूतपूर्व रुचि देखने को मिली है।
गूगल ट्रेंड्स के अनुसार, पाकिस्तान वह देश है, जहां महाकुंभ से संबंधित सबसे अधिक सर्च की जा रही है। इसके बाद कतर, यूएई और बहरीन का नंबर आता है, जो इस बढ़ते अंतरराष्ट्रीय आकर्षण को दर्शाता है। नेपाल, सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, थाईलैंड और आयरलैंड जैसे देशों से भी इस कार्यक्रम के प्रति बढ़ती दिलचस्पी देखने को मिल रही है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि महाकुंभ अब सिर्फ भारत का एक धार्मिक आयोजन नहीं रह गया है, बल्कि एक वैश्विक आध्यात्मिक मेला बन चुका है।
महाकुंभ का हिंदू धर्म के अनुयायियों के लिए गहरी धार्मिक महत्वता रही है, लेकिन इस्लामिक देशों से बढ़ती रुचि कई सवाल खड़े करती है। पाकिस्तान, एक प्रमुख मुस्लिम राष्ट्र होने के बावजूद, जहां हिंदू रीति-रिवाजों और त्योहारों से पारंपरिक रूप से कम जुड़ाव था, आज महाकुंभ के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए हजारों लोग इंटरनेट का सहारा ले रहे हैं।
विशेषज्ञ मानते हैं कि इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं। एक महत्वपूर्ण पहलू यह है कि आध्यात्मिक यात्रा, शुद्धिकरण और नवीनीकरण जैसे साझा मूल्य अब अधिक महत्वपूर्ण हो गए हैं। चाहे वह मक्का हो, जहां मुस्लिमों का हज होता है, या प्रयागराज का संगम, जहां महाकुंभ आयोजित होता है, इन दोनों ही स्थानों पर श्रद्धालु धार्मिक रूप से एकत्र होते हैं, और यह भावना सभी धर्मों के लोगों के बीच समान है।
महाकुंभ की वैश्विक दिलचस्पी में डिजिटल युग की भी महत्वपूर्ण भूमिका है। अक्टूबर 2024 में लॉन्च की गई आधिकारिक महाकुंभ वेबसाइट, जो इस आयोजन के आध्यात्मिक महत्व, परंपराओं और व्यावहारिक जानकारी का एक समग्र स्रोत है, को अब तक दुनिया भर से लाखों लोग विजिट कर चुके हैं। जनवरी 2025 तक वेबसाइट पर 33 लाख (3.3 मिलियन) से अधिक विज़िट्स रिकॉर्ड की गई हैं। इसके अलावा, सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर महाकुंभ की तस्वीरें, वीडियो और लाइव स्ट्रीम के जरिए इस आयोजन की भव्यता का प्रसार हुआ है, जिससे लोग इसे वास्तविक समय में देख पा रहे हैं।
महाकुंभ 2025 में 40 करोड़ (400 मिलियन) से अधिक श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है, और यह आयोजन इस वर्ष का सबसे बड़ा आध्यात्मिक मेला बनने जा रहा है। यह एक सांस्कृतिक आदान-प्रदान का अनूठा अवसर प्रदान करता है, जहां दुनिया भर के लोग एक साथ आकर भारत की आध्यात्मिक भव्यता का अनुभव करेंगे।
– कार्तिक