आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने तिरुपति भगदड़ में घायल श्रद्धालुओं को ‘वैकुंठ द्वार दर्शन’ की पेशकश की

Must read

Hawa Mahal

Cased Treasures

Nationalism Rabindranath Tagore

तिरुपति, 9 जनवरी, 2025: आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने तिरुपति में हुई दुखद भगदड़ में घायल हुए श्रद्धालुओं से मिलने के लिए एसवीआईएमएस अस्पताल का दौरा किया। इस हादसे में कई श्रद्धालु घायल हो गए थे, जो विशेष रूप से ‘वैकुंठ एकादशी’ के दिन तिरुपति के मंदिर में दर्शन करने के लिए पहुंचे थे। इस दौरान नायडू ने उन श्रद्धालुओं से मिलकर उन्हें सांत्वना दी और आश्वासन दिया कि जब वे ठीक हो जाएंगे, तो उन्हें तिरुमला में ‘वैकुंठ द्वार दर्शन’ का अवसर दिया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य मंत्री सत्य कुमार यादव और एसवीआईएमएस के निदेशक आर.वी. कुमार के साथ मिलकर लगभग 90 मिनट तक अस्पताल में रहकर घायल श्रद्धालुओं की बातों को ध्यान से सुना। कई श्रद्धालुओं ने अपनी कठिनाइयों को साझा किया और बताया कि वे दूर-दूर से तिरुपति आए थे, लेकिन लंबी कतारों और भगदड़ की वजह से वे ‘वैकुंठ एकादशी’ के दर्शन का टोकन प्राप्त करने में असफल रहे। इन श्रद्धालुओं के आंसुओं को देख मुख्यमंत्री नायडू ने उन्हें आश्वासन दिया कि जैसे ही वे पूरी तरह स्वस्थ होंगे, उन्हें विशेष रूप से दर्शन का अवसर दिया जाएगा।

मुख्यमंत्री नायडू के साथ इस दौरान गृह मंत्री वी. अनिता, एंनडॉवमेंट्स मंत्री ए. रामानारायण रेड्डी, राजस्व मंत्री ए. सत्य प्रसाद, जल संसाधन मंत्री एन. रामनायडू, सूचना और जनसंपर्क मंत्री के. पार्थसारथी, तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) के अध्यक्ष बी.आर. नायडू, कार्यकारी अधिकारी जे. श्यामला राव, कलेक्टर एस. वेंकटेश्वर और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।

नायडू ने अस्पताल में मरीजों से मिलने के बाद, बैरागिपट्टेडा स्थित राम नायडू म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन हाई स्कूल में बनाए गए अस्थायी टोकन केंद्र का भी दौरा किया। यहां पर ‘वैकुंठ द्वार दर्शन’ के लिए टोकन वितरित किए जा रहे थे। नायडू ने केंद्र का दौरा करते हुए अधिकारियों से सवाल किए कि भगदड़ की स्थिति कैसे उत्पन्न हुई, जबकि केंद्र की क्षमता सीमित थी। उन्होंने यह भी देखा कि लंबी प्रतीक्षा अवधि, जो श्रद्धालुओं को बुधवार दोपहर से गुरुवार सुबह तक करनी पड़ी, ने स्थिति को और जटिल बना दिया।

मुख्यमंत्री नायडू ने अधिकारियों से यह भी पूछा कि क्या उन्हें तकनीकी उपायों का उपयोग करके इस स्थिति को बेहतर तरीके से प्रबंधित नहीं किया जा सकता था। उन्होंने कहा कि तकनीक का सही उपयोग न केवल भीड़ के प्रबंधन में मदद कर सकता था, बल्कि श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधा भी प्रदान कर सकता था।

यह हादसा एक महत्वपूर्ण उदाहरण बन गया है कि कैसे बड़े धार्मिक आयोजनों में श्रद्धालुओं की भीड़ को सुरक्षित और व्यवस्थित तरीके से प्रबंधित किया जा सकता है। नायडू ने घटना की जांच के लिए अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी और भविष्य में ऐसी घटनाओं के लिए अधिक ठोस उपायों की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि भविष्य में श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए आयोजनों की योजना बनाई जाएगी।

नायडू के दौरे और उनके द्वारा दिए गए आश्वासन से घायल श्रद्धालुओं को सांत्वना मिली और उनकी कठिनाईयों के प्रति सरकार की संवेदनशीलता का पता चला। मुख्यमंत्री ने यह सुनिश्चित करने का वादा किया कि भविष्य में इस प्रकार की त्रासदी को रोका जा सके।

– कार्तिक

- Advertisement -spot_img

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -spot_img

Latest article