भारत में दो और रामसर वेटलैंड साइट्स शामिल, कुल संख्या हुई 91

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नई दिल्ली, 4 जून (पीटीआई)

भारत की दो और साइट्स को अंतरराष्ट्रीय महत्व के वेटलैंड्स (आर्द्रभूमि) की सूची में शामिल किया गया है, जिससे देश में ऐसी साइट्स की कुल संख्या बढ़कर 91 हो गई है।

भारत में रामसर साइट्स की सूची में हाल ही में शामिल होने वाली दो नई साइट्स हैं—राजस्थान के फालोदी स्थित खीचन और उदयपुर स्थित मेनार।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर यह खबर साझा करते हुए लिखा,

“शानदार खबर! पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में भारत की प्रगति पूरे जोश के साथ हो रही है और इसमें जनभागीदारी की अहम भूमिका है।”

केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने भी एक्स पर लिखा,

“इस नए जुड़ाव के साथ हमारी कुल संख्या 91 हो गई है। यह उपलब्धि एक बार फिर साबित करती है कि पीएम श्री @narendramodi जी का पर्यावरण संरक्षण पर फोकस भारत को हरित भविष्य की ओर ले जा रहा है।”

रामसर सूची का उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण वेटलैंड्स का नेटवर्क विकसित और बनाए रखना है, ताकि वैश्विक जैव विविधता के संरक्षण और मानव जीवन के लिए जरूरी पारिस्थितिकी तंत्र, प्रक्रियाओं और लाभों को सुरक्षित रखा जा सके।

रामसर कन्वेंशन वेटलैंड्स के संरक्षण और विवेकपूर्ण उपयोग के लिए एक अंतरराष्ट्रीय संधि है। इसका नाम ईरान के कास्पियन सागर के किनारे स्थित रामसर शहर के नाम पर रखा गया है, जहां यह संधि 2 फरवरी 1971 को हस्ताक्षरित हुई थी।

भारत ने इस संधि की पुष्टि 1 फरवरी 1982 को की थी।

पीटीआई GVS GVS KVK KVK

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