महिलाएं आर्थिक सशक्तिकरण के माध्यम से आत्मनिर्भरता प्राप्त कर सकती हैं: दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, वूमन लीडरशिप सीरीज़ में संबोधन

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**EDS: THIRD PARTY** In this image posted by @CMODelhi via X on May 21 2025, Delhi Chief Minister Rekha Gupta holds a high-level meeting with representatives of dairy colonies, operators of cow shelters, and senior officials of MCD and Animal Husbandry Department, in New Delhi. (PTI Photo)(PTI05_21_2025_000426B)

नई दिल्ली, 26 मई 2025 (पीटीआई):
“महिलाओं का आर्थिक रूप से सशक्त होना अत्यंत आवश्यक है। महिलाएं आत्मनिर्भरता, आर्थिक पहुंच और नेतृत्व की क्षमता तभी प्राप्त कर सकती हैं जब वे अपनी क्षमता को बढ़ाकर उस स्थिति तक पहुंचें जहाँ वे स्वयं निर्णय ले सकें,” यह बात दिल्ली की माननीय मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता ने ‘वूमन लीडरशिप सीरीज़’ के उद्घाटन व्याख्यान में कही। यह व्याख्यान ‘From Access to Autonomy – The Impact of Financial Independence on Women Leadership’ विषय पर आयोजित किया गया।

इस कार्यक्रम में यूनिसेफ की यूवा (YuWaah) प्रमुख जॉर्जिया वरिस्को और ग्लोबल वुमन फाउंडेशन (GWF) की वैश्णवी जैन ने भी विशिष्ट वक्ता के रूप में भाग लिया। यह व्याख्यान ओ. पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी और सेंटर फॉर एडवांसिंग रिसर्च इन मैनेजमेंट एंड लॉ (CARML) के सहयोग से ग्लोबल वुमन फाउंडेशन द्वारा आयोजित किया गया।

मुख्यमंत्री गुप्ता ने कहा कि पहले शक्ति का संबंध परिवार के कमाऊ सदस्य से होता था और महिलाएं अक्सर उन पर निर्भर रहती थीं। “हमें उन महिलाओं के लिए रास्ता दिखाना है। एक नेता के रूप में मेरा कर्तव्य है कि मैं दिल्ली की महिलाओं को इस लक्ष्य की ओर प्रेरित करूं और उन्हें प्रोत्साहित करूं। भारत में महिला सशक्तिकरण के लिए कई सामाजिक सुधारकों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है। हमने बालिका भ्रूण हत्या, विधवा पुनर्विवाह और शिक्षा जैसी बाधाओं को पार किया है। आज महिलाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं और यह बिना संघर्ष के संभव नहीं हुआ।”

ओ. पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी और ग्लोबल वुमन फाउंडेशन के बीच हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन (MoU) के अंतर्गत महिला नेतृत्व, अनुसंधान, और अकादमिक सहयोग को बढ़ावा देने की योजना है। यह साझेदारी अनुसंधान, लाइव प्रोजेक्ट्स, इंटर्नशिप, सम्मेलनों और कार्यशालाओं के आयोजन की दिशा में काम करेगी।

कुलपति प्रो. (डॉ.) सी. राज कुमार ने कहा, “मुख्य अतिथि रेखा गुप्ता जी स्वयं महिला सशक्तिकरण का प्रतीक हैं। हमें महिला अधिकारों की दिशा में कानूनी हस्तक्षेप जैसे 1976 का समान वेतन अधिनियम, 2005 का हिंदू उत्तराधिकार (संशोधन) अधिनियम, 2017 का मातृत्व लाभ अधिनियम और 2013 का कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न अधिनियम देखने को मिले हैं। साथ ही प्रधानमंत्री जन धन योजना, महिला उद्यमियों के लिए मुद्रा योजना, महिला ई-हाट जैसी योजनाएं महिलाओं को आर्थिक सशक्तिकरण प्रदान कर रही हैं।”

प्रोफेसर दीपिका जैन, कार्यकारी डीन, जिंदल ग्लोबल लॉ स्कूल ने कहा, “जो महिला अपने वित्त पर नियंत्रण नहीं रखती, वह दूसरों के फैसलों पर निर्भर रहती है। आर्थिक स्वतंत्रता न केवल धन प्राप्ति है, बल्कि सम्मान, निर्णय लेने की शक्ति और जीवन की दिशा चुनने की स्वतंत्रता है।”

वैश्णवी जैन, ग्लोबल वुमन फाउंडेशन ने कहा, “हम यहां महिलाओं की शक्ति, दृढ़ता और संभावनाओं को सेलिब्रेट करने के लिए हैं। हमारा लक्ष्य है—वित्तीय साक्षरता से लेकर नेतृत्व तक, हम महिलाओं को सामूहिक विकास की दिशा में आगे ले जाएं।”

जॉर्जिया वरिस्को, यूनिसेफ की यूवा प्रमुख ने कहा, “आर्थिक स्वतंत्रता केवल कमाई नहीं, बल्कि यह आत्मनिर्भर बनने, निर्णय लेने और समाज में प्रभावी भूमिका निभाने की क्षमता है। सशक्तिकरण का मतलब है—अदृश्यता से प्रभावशाली बनने की यात्रा।”

प्रोफेसर मनमीत कौर, एसोसिएट प्रोफेसर, जिंदल ग्लोबल लॉ स्कूल ने कहा कि यह विषय महिलाओं की नेतृत्व क्षमता को बढ़ाने के लिए वित्तीय स्वतंत्रता की केंद्रीय भूमिका को रेखांकित करता है।

(अस्वीकरण: उपरोक्त प्रेस विज्ञप्ति ओ. पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी के साथ एक व्यवस्था के तहत प्राप्त हुई है। पीटीआई इसकी संपादकीय जिम्मेदारी नहीं लेता।)
पीटीआई/पीडब्ल्यूआर/पीडब्ल्यूઆર

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