प्रयागराज: महाकुंभ मेला के दौरान हुई भगदड़ में 30 लोगों की मौत और 60 अन्य लोग घायल हो गए, जिसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने सुरक्षा प्रबंधों को मजबूत करने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। यह हादसा बुधवार को हुआ था, जब करोड़ों श्रद्धालु माघी अमावस्या के मौके पर पवित्र स्नान के लिए मेला क्षेत्र में पहुंचे थे। सरकार ने बताया कि भगदड़ श्रद्धालुओं द्वारा संकरे रास्तों में भीड़ जमा करने के कारण हुई थी।
आर्टिकल में –
प्रशासन द्वारा पांच प्रमुख बदलाव लागू किए
1. पूरा वाहन-प्रवेश निषेध क्षेत्र: महाकुंभ मेला क्षेत्र में सभी प्रकार के वाहनों के प्रवेश पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा दिया गया है। यह कदम भीड़ को नियंत्रित करने और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।
2. VVIP पास रद्द: अब कोई भी विशेष पास वाहन प्रवेश की अनुमति नहीं देगा, जिससे सभी के लिए समान नियम लागू किए गए हैं और कोई विशेष छूट नहीं दी जाएगी।
3. एक-तरफा मार्ग व्यवस्था लागू: श्रद्धालुओं की सुगम आवाजाही के लिए एक-तरफा यातायात व्यवस्था लागू की गई है, ताकि भीड़ को व्यवस्थित किया जा सके।
4. वाहन प्रवेश पर प्रतिबंध: प्रयागराज के आसपास के जिलों से आने वाले वाहनों को जिला सीमा पर रोका जा रहा है, ताकि मेला क्षेत्र में अधिक भीड़ न हो।
5. 4 फरवरी तक सख्त प्रतिबंध: शहर में 4 फरवरी तक चार पहिया वाहनों के प्रवेश पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया गया है, ताकि व्यवस्था बनी रहे।
प्रशासनिक तैनाती और विशेष दिशा-निर्देश
भीड़ प्रबंधन को और बेहतर बनाने के लिए IAS अधिकारी अशिश गोयल और भानु गोस्वामी को तुरंत प्रयागराज पहुंचने का निर्देश दिया गया है। दोनों अधिकारी 2019 के अर्धकुंभ के सफल प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके हैं। इस बार, उन्हें कुंभ मेला संचालन में सहायता करने के लिए विशेष रूप से तैनात किया गया है।
इसके अतिरिक्त, पांच विशेष सचिव-रैंक के अधिकारी, जिनके पास बड़े पैमाने पर आयोजनों का अनुभव है, को भी महाकुंभ संचालन में सहायता देने के लिए नियुक्त किया गया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भीड़ नियंत्रण, यातायात प्रबंधन और विभागों के बीच समन्वय पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कई दिशा-निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने प्रमुख सचिव और पुलिस महानिदेशक (DGP) से महाकुंभ के इंतजामों की समीक्षा करने को कहा। उन्होंने प्रयागराज के ADG और जिलाधिकारी को निर्देश दिया कि वे सभी श्रद्धालुओं को सुरक्षित रूप से शहर से रवाना करने का सुनिश्चित करें।
रात में हुई वीडियो कांफ्रेंसिंग में मुख्यमंत्री योगी ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और कई जिलों के अधिकारियों से बातचीत की। उन्होंने उन्हें रेलवे अधिकारियों के साथ समन्वय बनाने का निर्देश दिया और परिवहन निगम को अतिरिक्त बसें तैनात करने के लिए कहा।
श्रद्धालुओं के लिए अतिरिक्त सुरक्षा और सुविधाएं
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि श्रद्धालुओं पर कहीं भी दबाव नहीं बनना चाहिए और रास्तों पर कोई भीड़ या जाम नहीं लगने देना चाहिए। सड़क किनारे खड़े ठेलेवालों को हटाकर खाली स्थानों पर व्यवस्थित करने की दिशा में काम करने का निर्देश भी दिया गया है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि मेला क्षेत्र में आने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की अतिरिक्त पाबंदियों का सामना नहीं करना चाहिए।
जांच आयोग का गठन
बुधवार को राज्य सरकार ने एक तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया है, जो भगदड़ के कारणों की जांच करेगा। इस आयोग में न्यायमूर्ति हर्ष कुमार, पूर्व पुलिस महानिदेशक वी.के. गुप्ता और सेवानिवृत्त IAS अधिकारी वी.के. सिंह को शामिल किया गया है। मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिवारों को 25 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की भी घोषणा की है।