
कुवैत सिटी, 26 मई (पीटीआई):
भाजपा सांसद बैजयंत जय पांडा के नेतृत्व में एक सर्वदलीय भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल सोमवार को कुवैत पहुंचा, जहां वह भारत की आतंकवाद के प्रति “शून्य सहनशीलता” (Zero Tolerance) की नीति को उजागर करेगा।
प्रतिनिधिमंडल इससे पहले बहरीन की यात्रा पर था।
भारतीय दूतावास कुवैत ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट किया:
“सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल @PandaJay के नेतृत्व में कुवैत पहुंचा है, जहां यह भारत का दृढ़ संदेश — आतंकवाद के खिलाफ #ZeroTolerance और #NewNormal — उजागर करेगा।”
भारतीय राजदूत आदर्श स्वैका ने हवाई अड्डे पर प्रतिनिधिमंडल का स्वागत किया।
प्रतिनिधिमंडल में AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी, पूर्व केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद, राष्ट्रीय महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष व राज्यसभा सांसद रेखा शर्मा, और भारत के पूर्व विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला भी शामिल हैं। हर्षवर्धन श्रृंगला अमेरिका, बांग्लादेश और थाईलैंड में भारत के राजदूत रह चुके हैं।
कुवैत प्रवास के दौरान, प्रतिनिधिमंडल कुवैती सरकार के वरिष्ठ पदाधिकारियों, सिविल सोसाइटी के प्रमुख सदस्यों, प्रभावशाली व्यक्तियों, थिंक टैंकों, मीडिया और भारतीय प्रवासी समुदाय के विभिन्न वर्गों से बातचीत करेगा।
इससे पहले प्रतिनिधिमंडल बहरीन पहुंचा था, जहां उन्होंने बहरीन के उप प्रधानमंत्री शेख खालिद बिन अब्दुल्ला अल खलीफा को भारत के सामने खड़ी सीमा पार आतंकवाद की चुनौती और उससे निपटने के भारत के संकल्प के बारे में जानकारी दी थी।
प्रतिनिधिमंडल ने शूरा बहरीन (बहरीन की संसद का उच्च सदन) के अध्यक्ष अली बिन सालेह अल सालेह से भी मुलाकात की और भारत के आतंकवाद विरोधी संकल्प और द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने की प्रतिबद्धता को दोहराया।
भारत की कूटनीतिक पहल के हिस्से के रूप में, सात बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल 33 वैश्विक राजधानियों की यात्रा कर रहे हैं ताकि पाकिस्तान की नीतियों और आतंकवाद के विरुद्ध भारत की प्रतिक्रिया, विशेषकर 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले के संदर्भ में, वैश्विक समुदाय तक पहुंचाई जा सके।
भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव इस हमले के बाद और बढ़ गया था। इस हमले में 26 लोगों की जान गई थी।
भारत ने 7 मई की सुबह पाकिस्तान और पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर में आतंकवादी ढांचे पर “ऑपरेशन સિંદૂર” के तहत सटीक हमले किए। इसके जवाब में पाकिस्तान ने 8, 9 और 10 मई को भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमलों की कोशिश की, जिसका भारतीय सेना ने कड़ा जवाब दिया।
10 मई को दोनों देशों के सैन्य संचालन महानिदेशकों के बीच बातचीत के बाद सैन्य कार्रवाई रोकने की सहमति बनी और ज़मीनी स्तर पर टकराव समाप्त हुआ।
पीटीआई/एनएसए/एनएसએ