आईसीसी चैंपियन्स ट्रॉफी 2025 के आगाज से पहले एक नया विवाद सामने आया है। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें कराची के नेशनल स्टेडियम में भारतीय ध्वज की ग़ैरमौजूदगी का दावा किया गया है। इस वीडियो में स्टेडियम में अन्य भाग लेने वाले देशों के झंडे तो विशिष्टता से दिखाए गए थे, लेकिन भारत का तिरंगा कहीं भी नज़र नहीं आया। इस घटना ने सोशल मीडिया पर तीव्र बहस छेड़ दी है और फैंस इस मुद्दे पर अपने विचार व्यक्त कर रहे हैं।
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो
वीडियो में साफ तौर पर दिखाया गया कि स्टेडियम में अन्य देशों के झंडे लगाए गए थे, जैसे पाकिस्तान, न्यूज़ीलैंड, अफगानिस्तान, दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड के झंडे। लेकिन भारत का तिरंगा कहीं दिखाई नहीं दिया। इस वीडियो ने ऑनलाइन हलचल मचा दी, और कई यूजर्स ने भारतीय ध्वज की ग़ैरमौजूदगी पर सवाल उठाए। हालांकि, इस वीडियो की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं हो पाई है, लेकिन फिर भी यह मुद्दा चर्चा का विषय बन गया है।
भारतीय ध्वज के नदारद होने की वजह पर सवाल
भारतीय ध्वज की ग़ैरमौजूदगी के कारणों को लेकर विभिन्न कयास लगाए जा रहे हैं। कुछ का मानना है कि यह विवाद पाकिस्तान द्वारा चैंपियन्स ट्रॉफी की मेज़बानी किए जाने से जुड़ा हो सकता है। पाकिस्तान ने 2017 में चैंपियन्स ट्रॉफी का आखिरी संस्करण जीता था, और अब वह पहली बार इस टूर्नामेंट की मेज़बानी कर रहा है। हालांकि, इस बात का कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है कि भारतीय ध्वज क्यों नहीं लगाया गया, लेकिन यह घटना निश्चित रूप से एक सवाल उठाती है।
भारत का टूर्नामेंट में सहभागिता और हाइब्रिड मॉडल
आईसीसी चैंपियन्स ट्रॉफी का आयोजन 2025 में 19 फरवरी से होगा, जिसमें मेज़बान पाकिस्तान का मुकाबला न्यूजीलैंड से होगा। हालांकि, भारत अपने सभी ग्रुप स्टेज मैच दुबई में खेलेगा। भारत-पाकिस्तान के मैच का भी इंतजार फैंस को है, लेकिन पाकिस्तान में राजनीतिक और सुरक्षा चिंताओं के कारण बीसीसीआई ने एक हाइब्रिड मॉडल अपनाया है, जिसके तहत भारत के सभी मैच दुबई में होंगे। भारत के मैचों का आयोजन दुबई में होने से इस विवाद ने और भी तूल पकड़ लिया है।
गद्दाफी स्टेडियम विवाद: क्या यह पहले भी हुआ था?
इससे पहले लाहौर के गद्दाफी स्टेडियम में भी कुछ ऐसा ही मामला सामने आया था। एक इवेंट के दौरान सात देशों के झंडे लगाए गए थे, लेकिन भारत का झंडा उस दौरान भी नदारद था। इस घटना के वीडियो ने भी सोशल मीडिया पर काफी चर्चा की थी और सवाल उठाए गए थे कि क्यों भारत के झंडे को नजरअंदाज किया जा रहा है। हालांकि, पाकिस्तान सरकार और आयोजकों की ओर से इस पर कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया है।
भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते राजनीतिक तनाव
भारत और पाकिस्तान के बीच राजनीतिक तनाव लंबे समय से चला आ रहा है, और यह तनाव खेल जगत में भी दिखाई देता है। भारत ने पाकिस्तान में सुरक्षा चिंताओं और राजनीतिक कारणों से क्रिकेट मैचों का बहिष्कार किया है, जिसका असर इस टूर्नामेंट पर भी पड़ा है। चैंपियन्स ट्रॉफी में भारत की गैरमौजूदगी को लेकर दोनों देशों के बीच कड़ा विरोध किया जा रहा है। यह भी कहा जा रहा है कि पाकिस्तान को टूर्नामेंट की मेज़बानी देने के बाद यह विवाद और बढ़ सकता है।
सार्वजनिक प्रतिक्रिया और सोशल मीडिया की भूमिका
सोशल मीडिया पर यह वीडियो वायरल होने के बाद, भारतीय क्रिकेट फैंस ने इस मुद्दे पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। बहुत से लोग यह सवाल उठा रहे हैं कि अगर भारतीय ध्वज की ग़ैरमौजूदगी का कारण राजनीतिक स्थिति है, तो यह खेल के दृष्टिकोण से सही नहीं है। फैंस ने इस घटना को भारतीय क्रिकेट के लिए अपमानजनक करार दिया है। वहीं, कुछ लोग इसे सिर्फ एक गलतफहमी मानते हुए इसे विवादित नहीं मानते।
आखिरकार, क्या भारत का झंडा होगा शामिल?
यह विवाद तब और बढ़ गया जब भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने चैंपियन्स ट्रॉफी के हाइब्रिड मॉडल को अपनाने का निर्णय लिया। चूंकि भारत के सभी मैच दुबई में होंगे, कई लोगों ने अनुमान लगाया था कि पाकिस्तान में होने वाले आयोजन में भारतीय ध्वज का न लगना एक जानबूझकर किया गया कदम हो सकता है।
आखिरकार, इस विवाद का समाधान क्या होगा, यह देखना बाकी है। एक ओर जहां कुछ लोग इसे सिर्फ एक प्रशासनिक गलती मानते हैं, वहीं दूसरी ओर, कई लोग इसे भारत के खिलाफ जानबूझकर अपमान के रूप में देख रहे हैं। इस घटनाक्रम के बीच, अब सवाल यह है कि क्या टूर्नामेंट के दौरान भारतीय ध्वज को उचित स्थान मिलेगा या नहीं।