प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद के बजट सत्र की शुरुआत लक्ष्मी माता की पूजा से की। उन्होंने कहा कि सदियों से इस दिन पर हम लक्ष्मी माता के गुणों का स्मरण करते आ रहे हैं, जो हमें सफलता, बुद्धि और समृद्धि प्रदान करती हैं। प्रधानमंत्री ने प्रार्थना की कि देश के गरीब और मध्यम वर्ग को लक्ष्मी माता का आशीर्वाद प्राप्त हो और उनका जीवन समृद्ध हो।
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75 वर्षों की गौरवपूर्ण यात्रा
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत की गणराज्य के रूप में 75 वर्षों की यात्रा पर हमें गर्व है। यह हमारे लिए एक विशेष अवसर है, क्योंकि इस यात्रा के दौरान भारत ने लोकतंत्र के क्षेत्र में अपनी एक अनोखी पहचान बनाई है। यह सत्र ऐतिहासिक दिन लेकर आएगा, और संसद में होने वाली चर्चाओं से राष्ट्र की ताकत में इजाफा होगा।
नारी शक्ति और समानता की दिशा में महत्वपूर्ण कदम
प्रधानमंत्री ने नारी शक्ति के सम्मान की ओर संसद में उठाए जाने वाले कदमों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि इस बजट सत्र के दौरान कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाएंगे जो महिलाओं के सम्मान, उनके अधिकारों और समाज में समानता को सुनिश्चित करेंगे। यह कदम देश में नारी की प्रतिष्ठा को मजबूत करेंगे और जाति-धर्म से परे हर महिला को समान अधिकार मिलेगा।
सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन का मार्ग
प्रधानमंत्री ने ‘सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन’ के सिद्धांत को दोहराया, यह बताते हुए कि तेज़ गति से विकास प्राप्त करने के लिए सबसे ज़्यादा ज़ोर सुधारों पर है। केंद्र और राज्य सरकारों का सामूहिक प्रयास और जनता की सक्रिय भागीदारी से ही देश में परिवर्तन संभव है। उन्होंने बताया कि भारत एक युवा देश है, और आज का युवा कल देश के भविष्य का निर्माण करेगा।
युवाओं का योगदान और भविष्य
प्रधानमंत्री ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान में 20-25 वर्ष की आयु के युवा, जब 45-50 वर्ष के होंगे, तब वे एक विकसित भारत के सबसे बड़े लाभार्थी होंगे। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि 1942 और 1930 के स्वतंत्रता संग्राम में जो युवा भागीदार थे, उन्हें उनके संघर्ष का फल अगले 25 वर्षों में मिला। ठीक वैसे ही आज का युवा भविष्य में विकसित भारत का निर्माण करेगा।
विदेशी हस्तक्षेप का न होना
प्रधानमंत्री मोदी ने इस सत्र में विदेशी हस्तक्षेप की बात की और कहा कि यह पहला सत्र है, जिसमें बाहर से किसी तरह की आग लगाने की कोशिश नहीं की गई। पिछले 10 वर्षों में हर सत्र से पहले विदेशों से उकसाने की कोशिशें होती थीं, लेकिन इस बार ऐसा कुछ नहीं हुआ।
2047 में विकसित भारत का सपना
प्रधानमंत्री ने 2047 में भारत के स्वतंत्रता की 100वीं वर्षगांठ पर एक विकसित भारत की तस्वीर खींची। उन्होंने कहा कि इस बजट सत्र और बजट के माध्यम से देश में विश्वास और ऊर्जा का संचार होगा। यह बजट भारत के विकास के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा। मोदी ने कहा कि इस तीसरे कार्यकाल में सरकार मिशन मोड में देश के हर क्षेत्र में समग्र विकास को सुनिश्चित कर रही है।
नवाचार, समावेशन और निवेश का रोडमैप
प्रधानमंत्री मोदी ने नवाचार, समावेशन और निवेश को भारतीय आर्थिक गतिविधियों की बुनियादी रणनीति बताया। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य हर क्षेत्र में समान अवसर और समग्र विकास सुनिश्चित करना है।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में एक समृद्ध और विकसित भारत के निर्माण का रोडमैप प्रस्तुत किया। उनके अनुसार, यह बजट सत्र भारत के भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण कदम होगा, और समग्र विकास, युवाओं की सक्रिय भागीदारी, और महिला सशक्तिकरण के माध्यम से भारत 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनेगा।