प्रतीका रावल: दिल्ली की बेटी ने आयरलैंड के खिलाफ शानदार 154 रन बनाकर मचाई धूम

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दिल्ली की क्रिकेट स्टार प्रतीका रावल ने आयरलैंड के खिलाफ तीसरे और अंतिम वनडे मैच में शानदार 154 रनों की पारी खेलकर भारतीय टीम को 435/5 के विशाल स्कोर तक पहुँचाया, जो वनडे क्रिकेट में भारत का अब तक का सबसे बड़ा स्कोर है। इस पारी में प्रतीका ने 129 गेंदों पर 154 रन बनाये, और इस दौरान उन्होंने अपनी पहले शतक को सिर्फ एक रन प्रति गेंद की गति से पूरा किया, उसके बाद ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करते हुए टीम को एक मजबूत स्थिति में पहुँचाया। प्रतीका की इस धमाकेदार पारी ने भारत को एक ऐतिहासिक जीत दिलाई और दुनिया भर में उनके क्रिकेट कौशल की सराहना की गई।

प्रारंभिक जीवन और पृष्ठभूमि

प्रतीका रावल का जन्म 1 सितंबर 2000 को दिल्ली में हुआ था। बचपन से ही खेलों में रुचि रखने वाली प्रतीका ने न केवल क्रिकेट में बल्कि बास्केटबॉल में भी अपनी पहचान बनाई। उन्होंने बाल भारती स्कूल, राजेंद्र नगर से बास्केटबॉल में राष्ट्रीय खेलों में दिल्ली टीम को गोल्ड मेडल दिलवाया। इसके बाद प्रतीका ने अपनी पढ़ाई की दिशा में भी सफलता प्राप्त की। उन्होंने मोर्डन स्कूल, से अपनी पढ़ाई पूरी की, जहां वह हर साल टॉप करती रही और CBSE बोर्ड परीक्षा में 92.5% अंक प्राप्त किए।

स्कूल के दिनों से ही प्रतीका का ध्यान खेल और पढ़ाई दोनों में समान रूप से था। उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण ने उन्हें ना केवल शैक्षिक मोर्चे पर सफलता दिलाई, बल्कि खेल में भी उन्हें अग्रणी स्थान पर पहुंचाया। उनके माता-पिता ने हमेशा उन्हें अपने सपनों का पीछा करने के लिए प्रेरित किया, और यही कारण है कि प्रतीका ने दोनों क्षेत्रों में सफलता हासिल की।

क्रिकेट में कदम और सफलता की राह

प्रतीका ने क्रिकेट में अपनी यात्रा की शुरुआत रोहतक रोड जिमखाना क्रिकेट अकादमी से कोच शरवण कुमार के मार्गदर्शन में की। 2021 से 2024 तक वह दिल्ली टीम का हिस्सा रही, और अब वह रेलवे की टीम में खेल रही हैं। प्रतीका की बल्लेबाजी में तकनीकी सटीकता और आक्रामकता का बेहतरीन मिश्रण देखने को मिलता है। वह अपने पहले अंतरराष्ट्रीय मैच में ही बड़ी धूम मचाने में सफल रही। वेस्टइंडीज के खिलाफ अपनी अंतरराष्ट्रीय शुरुआत के दौरान उन्होंने शानदार बल्लेबाजी और गेंदबाजी से टीम की जीत में अहम योगदान दिया। अपने पदार्पण मैच में उन्होंने 40 रन बनाये और 110 रन की साझेदारी बनाई, साथ ही अपनी पहली ODI विकेट भी ली, जब उन्होंने वेस्टइंडीज की कप्तान हेली मैथ्यूज को आउट किया।

मानसिक तैयारी: सफलता का राज

प्रतीका ने अपनी पहली शतक के बाद कहा कि उनका क्रिकेट और मनोविज्ञान के प्रति प्रेम ही उनकी सफलता की कुंजी है। उन्होंने बताया कि मनोविज्ञान के प्रति उनकी गहरी समझ और क्रिकेट के प्रति उनका जुनून उन्हें मानसिक रूप से मजबूत बनाता है, जिससे वह इस प्रतिस्पर्धी खेल में लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं। प्रतीका ने यह भी कहा कि वह खेल के दौरान मानसिक दृढ़ता को बनाए रखने में अपनी पढ़ाई और मानसिक स्वास्थ्य के महत्व को महसूस करती हैं।

आगे का सफर और उम्मीदें

प्रतीका रावल का क्रिकेट करियर अभी शुरुआती चरण में है, लेकिन उनके प्रदर्शन ने यह साबित कर दिया है कि वह आने वाले समय में भारतीय महिला क्रिकेट की स्टार खिलाड़ी बन सकती हैं। उनकी कड़ी मेहनत, मानसिक मजबूती और खेल के प्रति गहरी समझ उन्हें भविष्य में और भी बड़ी उपलब्धियां दिलाने का विश्वास दिलाती हैं। अब सबकी नजरें प्रतीका पर हैं, और वह अपनी शानदार शुरुआत को बनाए रखते हुए भारतीय क्रिकेट को नई ऊँचाइयों तक ले जाने में कामयाब हो सकती हैं।

प्रतीका की सफलता भारतीय महिला क्रिकेट के लिए एक नई उम्मीद का संकेत है और उनका ये सफर आने वाले समय में और भी शानदार होने की संभावना व्यक्त करता है।

– कार्तिक

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