परेश रावल: खलनायक से हास्य सम्राट तक का सफर

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हेरा फेरी (2000) में बाबूराव जैसे यादगार किरदार के लिए प्रसिद्ध परेश रावल को बॉलीवुड के हास्य सम्राट के रूप में जाना जाता है, लेकिन एक समय था जब वे 1980 और 1990 के दशक में डरावने खलनायकों की भूमिका में दर्शकों के रोंगटे खड़े कर देते थे। 30 मई 1955 को मुंबई में जन्मे रावल की यह क्षमता कि वे भयावह खलनायकों से लेकर प्रिय हास्य पात्रों तक सहजता से रूपांतरित हो सकते हैं, उनकी असाधारण बहुमुखी प्रतिभा का प्रमाण है। 200 से अधिक फिल्मों में काम कर चुके रावल ने ‘नाम’, ‘किंग अंकल’ और ‘बाज़ी’ जैसी फिल्मों में निभाए अपने शुरुआती खलनायकी किरदारों से बाद की हास्य सफलता की नींव रखी। प्रशंसक उनके बहुआयामी अभिनय को Netflix और Amazon Prime Video जैसी स्ट्रीमिंग सेवाओं पर फिर से देख सकते हैं।

इस लेख में:

  • खलनायकी युग: शांत, पर खतरनाक
  • हास्य सितारे की ओर परिवर्तन
  • हालिया विवाद और विरासत
  • एक कालातीत कलाकार

खलनायकी युग: शांत, पर खतरनाक

1980 और 1990 के शुरुआती वर्षों में जहाँ अधिकतर बॉलीवुड खलनायक ऊँची आवाज़ और नाटकीय अभिनय से पहचाने जाते थे, वहीं परेश रावल ने अपनी गंभीर और संयमित अदाकारी से अलग पहचान बनाई। ‘नाम’ (1986) में वे खून-खराबा करने वाले तस्कर राणा के किरदार में संजय दत्त के सामने खतरनाक ठहरते हैं, जो उनकी खलनायकी यात्रा की दिशा तय करता है।

हास्य सितारे की ओर परिवर्तन

1994 की ‘अंदाज़ अपना अपना’ से रावल का हास्य यात्रा का आरंभ हुआ, जहाँ उन्होंने तेजा और श्याम की दोहरी भूमिकाओं में अपनी हास्य प्रतिभा दिखाई। वे बताते हैं कि निर्देशक राजकुमार संतोषी ने उन पर भरोसा किया जब वे खलनायक के किरदारों में फंसे हुए थे— “मैं बहुत बुरे खलनायक वाले किरदार करता था… अंदाज़ अपना अपना मेरे लिए बड़ा मौका था।” इसके बाद हेरा फेरी के बाबूराव का किरदार आया, जिसकी टाइमिंग और संवाद जैसे “उठा ले रे बाबा” आज सांस्कृतिक विरासत बन चुके हैं। प्रियदर्शन जैसे निर्देशकों के साथ ‘मालामाल वीकली’ और ‘भगम भग’ में काम करके उन्होंने हास्य अभिनय में अपना स्थान मजबूत किया।

हालिया विवाद और विरासत

मई 2025 में हेरा फेरी 3 से रावल के बाहर होने की खबरें चर्चा में रहीं। अक्षय कुमार की निर्माण कंपनी ने उनके खिलाफ ₹25 करोड़ का मुकदमा दायर किया, जिसमें अनप्रोफेशनल व्यवहार का आरोप लगाया गया। रावल ने इस पर X (पूर्व ट्विटर) पर स्पष्ट किया कि उन्होंने शूटिंग शुरू होने से पहले ही फिल्म छोड़ी और ₹11 लाख का साइनिंग अमाउंट भी लौटा दिया, यह कहते हुए कि उनके लिए “ईमानदारी और अनुशासन” सर्वोपरि है। विवाद के बावजूद, संगीतकार हिमेश रेशमिया ने एक मुंबई कॉन्सर्ट में हेरा फेरी में उनके योगदान की प्रशंसा की। रावल का दोहरा विरासत — एक डरावने खलनायक और हास्य सम्राट — अब भी कायम है।

एक कालातीत कलाकार

डर पैदा करने वाले किरदारों से लेकर आम आदमी की हास्यास्पद छवियों तक, परेश रावल का अभिनय सफर उनकी बहुरूपिया प्रतिभा को दर्शाता है। वे डर और हँसी दोनों को एक ही सहजता से दर्शकों तक पहुँचा सकते हैं — यही उन्हें बॉलीवुड का किंवदंती बनाता है। उनके अभिनय सदा-सर्वदा दर्शकों के लिए एक धरोहर के रूप में रहेंगे।

— मनोज एच द्वारा

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