नई दिल्ली, 7 जून (पीटीआई)
दिल्ली की सभी सरकारी इमारतों और खेल स्टेडियमों को जल्द ही दिव्यांगजनों (PwDs) के लिए अधिक अनुकूल बनाने के लिए फिर से डिज़ाइन किया जाएगा। इसमें रैंप, लिफ्ट, ब्रेल साइनेज और अन्य सुविधाएँ शामिल होंगी। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और स्पेशल ओलंपिक्स भारत की अध्यक्ष मल्लिका नड्डा के बीच ‘सुगम्य दिल्ली अभियान’ की समीक्षा बैठक में यह फैसला लिया गया। बैठक में दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद और दिव्यांगजन आयुक्त कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल थे।
बैठक का मुख्य फोकस था—सार्वजनिक स्थानों, शैक्षणिक संस्थानों और खेल स्टेडियमों में दिव्यांगजनों के लिए पहुंच और समावेशिता बढ़ाना।
सुगम्य दिल्ली अभियान के तहत:
- सरकार सभी सरकारी और संस्थागत इन्फ्रास्ट्रक्चर में एक्सेसिबिलिटी अपग्रेड लागू करेगी।
- अभियान का उद्देश्य दिव्यांगजनों के लिए समावेशी और बाधारहित वातावरण बनाना है, ताकि कोई भी समाज की मुख्यधारा से बाहर न रहे।
- मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा, “सरकार दिल्ली को एक्सेसिबिलिटी और समावेशिता का मॉडल बनाना चाहती है। यह पहल न केवल जागरूकता बढ़ाएगी, बल्कि सार्वजनिक सेवाओं में समावेशी प्रथाओं को भी बढ़ावा देगी।”
यह अभियान राष्ट्रीय स्तर पर 2015 में शुरू हुए ‘एक्सेसिबल इंडिया कैंपेन’ के अनुरूप है, जिसका उद्देश्य दिव्यांगजनों के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर, परिवहन और डिजिटल सेवाओं में सार्वभौमिक पहुँच सुनिश्चित करना है।
‘पर्पल सिटी’ का लक्ष्य:
सुगम्य दिल्ली अभियान का लक्ष्य दिल्ली को भारत का पहला ‘पर्पल सिटी’ बनाना है—यानी एक पूरी तरह से सुलभ और समावेशी शहरी क्षेत्र।
तीन-स्तरीय ढांचा:
- सरकार: एक्सेसिबिलिटी नॉर्म्स के अनुसार इन्फ्रास्ट्रक्चर अपग्रेड करेगी।
- समाज: स्थानीय समुदाय, वरिष्ठ नागरिक और 21 प्रकार की दिव्यांगता वाले लोग शामिल होंगे।
- बाजार: विक्रेता, इनोवेटर और CSR के सहयोग से किफायती समाधान विकसित किए जाएंगे।
इस पहल को ‘इन्क्लूसिव दिव्यांगजन एंटरप्रेन्योर एसोसिएशन’ (IDEA) का समर्थन प्राप्त है, जो दिव्यांगजनों के लिए रोजगार, उद्यमिता और एक्सेसिबिलिटी पर कार्य करता है।
विशेष आयोजन:
बैठक में ‘पर्पल फेस्ट’ के आयोजन पर भी चर्चा हुई, जिसका उद्देश्य दिव्यांगजनों के अधिकार, प्रतिभा और क्षमताओं के प्रति समाज में सकारात्मक और संवेदनशील दृष्टिकोण विकसित करना है।
नई सुविधाएँ:
- सभी सार्वजनिक भवनों और स्टेडियमों में रैंप, लिफ्ट, ब्रेल साइनेज, व्हीलचेयर-अनुकूल प्रवेश और ऑडियो-विजुअल एड्स लगेंगे।
- दिव्यांगजनों की खेल, शिक्षा और सार्वजनिक सेवाओं में भागीदारी बढ़ाने के लिए विशेष योजनाएँ शुरू की जाएंगी।
मुख्यमंत्री गुप्ता ने दोहराया, “सभी नागरिकों के लिए समान अवसर सुनिश्चित करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। यह केवल सामाजिक जिम्मेदारी नहीं, बल्कि समावेशी और समान राजधानी के निर्माण की दिशा में एक अहम कदम है।”