नई दिल्ली, 7 जून (पीटीआई)
दिल्ली की एक अदालत ने ट्रैफिक पुलिस के एएसआई को एक ड्राइवर से 3,000 रुपये रिश्वत लेने के मामले में चार साल की कैद और 10,000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।
विशेष न्यायाधीश दीपाली शर्मा ने शुक्रवार को एएसआई यतेन्द्र कुमार को सजा सुनाते हुए कहा, “भ्रष्टाचार देश की प्रगति में सबसे बड़ा अवरोध है।”
न्यायाधीश ने कहा कि भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम को सार्वजनिक जीवन में पारदर्शिता और ईमानदारी लाने तथा सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए बनाया गया है। कोर्ट ने यह भी माना कि कुमार ने अपने पद का दुरुपयोग कर निजी लाभ उठाया।
न्यायाधीश ने कहा, “अपराध के दुष्परिणाम, आम जनता के शोषण और समाज पर पड़ने वाले प्रभाव को देखते हुए दोषी को किसी भी प्रकार की नरमी का हकदार नहीं माना जा सकता।”
शिकायतकर्ता ड्राइवर मुन्ना ने अपनी शिकायत में बताया कि 19 अगस्त 2016 को सुबह करीब 6:30 बजे वह अपना खाली टेंपो लेकर पुल मिठाई चौक, आजाद मार्केट पहुंचा था, तभी एएसआई यतेन्द्र कुमार और अन्य पुलिसकर्मियों ने उसका टेंपो रोका और उसे उतरने के लिए कहा।
इसके बाद उससे कथित रूप से धमकी देकर 3,000 रुपये रिश्वत मांगी गई, अन्यथा उसका वाहन जब्त करने की बात कही गई।
पीटीआई UK MPL