अमेरिका में एक दिन के बैन के बाद, चीन के लोकप्रिय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म टिकटॉक की वापसी हो चुकी है। जहां एक तरफ अमेरिकी यूजर्स के बीच इसका दबदबा बढ़ रहा है, वहीं दूसरी तरफ इस ऐप के साथ जूड़े मुद्दे पर राजनीतिक बवाल भी तेज हो गया है। खास बात यह है कि सोमवार को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने दूसरे कार्यकाल की शपथ ली है, और इस मौके पर उम्मीद जताई जा रही है कि अब ट्रंप इस विवाद का हल निकाल सकते हैं।
कानूनी बदलाव और टिकटॉक का भविष्य
अप्रैल में, जो बाइडेन की सरकार ने बाइटडांस, टिकटॉक की मालिक कंपनी, से इसके अमेरिकी निवेश को समाप्त करने के लिए एक कड़े कानून को पारित किया था। इसके बाद रविवार को एपल और गूगल स्टोर्स से टिकटॉक को हटा लिया गया। हालांकि, उसी दिन टिकटॉक की फिर से अमेरिका में वापसी हो गई, जिससे यह साबित हुआ कि यह मसला अभी खत्म नहीं हुआ है।
रविवार को ट्रंप ने यह घोषणा की थी कि वे राष्ट्रपति बनने के बाद बाइटडांस और टिकटॉक के मामले को सुलझाएंगे और इस पर बड़ा फैसला ले सकते हैं। ट्रंप का यह संकेत देना कि वे टिकटॉक के ऊपर लगे प्रतिबंध की समयसीमा बढ़ा सकते हैं, इस बात को और भी साफ करता है कि वे इस समस्या को प्राथमिकता देंगे। अमेरिका में टिकटॉक के लगभग 170 मिलियन यूजर्स हैं, जो इसे एक प्रमुख सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म बनाते हैं।
चीन के प्रति ट्रंप का रुख और विवाद
ट्रंप का चीन के साथ नोकझोक नया नहीं है। उनके पहले कार्यकाल के दौरान दोनों देशों के बीच ट्रेड वॉर की स्थिति बनी थी, जिसके परिणामस्वरूप चीन के साथ कई विवाद पैदा हुए थे। टिकटॉक पर बैन, अमेरिका की सुरक्षा को लेकर उठाए गए सवाल और राष्ट्रीय डेटा गोपनीयता पर चर्चा भी इन विवादों का हिस्सा रहे हैं। हालांकि, ट्रंप के टिकटॉक पर नरम रुख ने कई लोगों को चौंकाया है।
यहां एक अहम सवाल ये उठता है कि क्या ट्रंप अब एलन मस्क की तरह ही टिकटॉक का व्यवसाय कुछ बड़े अमेरिकी निवेशकों को बेचने का निर्णय लेंगे। रिपोर्ट्स के अनुसार, बाइटडांस और टिकटॉक अमेरिकी हिस्से को एलन मस्क को बेचने की योजना बना सकते हैं, जो अमेरिकी टेक्नोलॉजी और सोशल मीडिया के क्षेत्र में नए अधिग्रहण की दिशा में काम कर रहे हैं।
भविष्य में रिश्ते
राष्ट्रपति ट्रंप के शपथ ग्रहण के बाद उनके पहले संबोधन में उन्होंने चीन के साथ अपने विचार साझा किए। उन्होंने स्पष्ट किया कि अमेरिका पनामा कैनाल जैसे क्षेत्र में चीन के दबदबे को खत्म करेगा, जिससे दोनों देशों के बीच फिर से टकराव की आशंका बन सकती है।
अमेरिकी और चीनी प्रशासन के बीच चल रहे तनाव के मद्देनज़र यह देखना दिलचस्प होगा कि ट्रंप किस तरह टिकटॉक का भविष्य तय करते हैं। टिकटॉक, जो एक समय एंटरटेनमेंट का साधन था, अब इसके अलावा डेटा सुरक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मुद्दा बन चुका है। क्या ट्रंप टिकटॉक के मसले का कोई स्थायी समाधान खोज पाएंगे, या फिर एक और बड़ा टेक्नोलॉजी अधिग्रहण बाज़ार में आ सकता है, यह समय बताएगा।
– कार्तिक