जीएसटी टैक्सपेयर्स के लिए राहत: जीएसटीआर-1 और जीएसटीआर-3B की डेडलाइन बढ़ाई गई, जीएसटीएन पोर्टल में तकनीकी समस्याओं के कारण

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जीएसटी पोर्टल में तकनीकी खामियों के कारण, जीएसटी के तहत जीएसटीआर-1 और जीएसटीआर-3B रिटर्न फाइल करने की डेडलाइन बढ़ा दी गई है। अब जीएसटीआर-1 की मासिक फाइलिंग के लिए नई डेडलाइन 13 जनवरी 2025 है, जबकि जो लोग तिमाही आधार पर जीएसटीआर-1 फाइल करते हैं, उनके लिए यह नई डेडलाइन 15 जनवरी 2025 है।

इसके अलावा, मासिक जीएसटीआर-3B फाइल करने वालों के लिए डेडलाइन 22 जनवरी 2025 तक बढ़ाई गई है। वहीं, तिमाही जीएसटीआर-3B फाइल करने वालों के लिए दो नई डेडलाइन हैं, जो राज्य के आधार पर तय की गई हैं। कुछ राज्यों के लिए नई डेडलाइन 24 जनवरी 2025 है, जबकि कुछ राज्यों के लिए यह 26 जनवरी 2025 है।

केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने 10 जनवरी 2025 को X (पूर्व ट्विटर) पर ट्वीट कर बताया, “टेक्निकल गड़बड़ियों के कारण जो करदाता समय पर अपना रिटर्न फाइल नहीं कर पाए, उनके लिए दिसंबर 2024 की जीएसटीआर-1 फॉर्म फाइल करने की समय सीमा बढ़ाकर 13 जनवरी 2025 कर दी गई है। इसके अलावा, अक्टूबर 2024 से दिसंबर 2024 तक के तिमाही फाइलिंग करने वाले करदाताओं के लिए जीएसटीआर-1 की डेडलाइन 15 जनवरी 2025 तक बढ़ाई गई है।”

चार्टर्ड अकाउंटेंट हिमांक सिंघला (SBHS & Associates) ने कहा, “आखिरकार राहत मिली! CBIC ने जनवरी माह के लिए जीएसटीआर-3B और जीएसटीआर-1 की डेडलाइन दो-दिन बढ़ाई है, यह तकनीकी गड़बड़ियों के कारण था, जिससे कई करदाता समय पर फाइल नहीं कर पाए। यह कुछ राहत देने वाला कदम है, क्योंकि GST पोर्टल पिछले कुछ दिनों से डाउन था और हमें इसकी सबसे ज्यादा जरूरत थी। अब हम बिना किसी दंड के अपनी फाइलिंग कर सकते हैं।”

जीएसटीआर-1 और जीएसटीआर-3B आपस में जुड़े हुए हैं, इसलिए दोनों की डेडलाइन बढ़ाई गई है। जीएसटीआर-1 रिटर्न को सप्लायर द्वारा भरा जाता है, और इस डेटा के आधार पर खरीदार का जीएसटीआर-2B स्वचालित रूप से जनरेट होता है। इसके बाद खरीदार इस डेटा को अपनी खरीद के साथ मिलाकर जीएसटीआर-3B फाइल करते हैं, ताकि वे इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का दावा कर सकें। यही कारण है कि दोनों डेडलाइन बढ़ाई गई हैं।

चार्टर्ड अकाउंटेंट हृषिकेश अरुण वांड्रेकर (Wandrekar and Company) ने कहा, “जीएसटीआर-1 में एक विक्रेता द्वारा किए गए बाहरी आपूर्ति की जानकारी दी जाती है, जिसे खरीददार अपनी खरीद के डेटा से मिलाकर जीएसटीआर-3B में ITC का दावा करता है। यह प्रक्रिया जीएसटीआर-2B की जानकारी पर निर्भर करती है, जो जीएसटीआर-1 के आधार पर जनरेट होती है। इसलिए जीएसटीआर-1 और जीएसटीआर-3B के बीच तालमेल जरूरी है।”

चार्टर्ड अकाउंटेंट हनी मुनजल ने कहा, “जीएसटीआर-1 में कोई देरी जीएसटी प्रणाली पर असर डाल सकती है। जीएसटीआर-1 से जीएसटीआर-2B जनरेट होता है, जो खरीदारों को ITC का दावा करने में मदद करता है। जब जीएसटीआर-1 में देरी होती है, तो जीएसटीआर-2B भी देर से जनरेट होता है, जिससे जीएसटीआर-3B के फाइलिंग में भी देरी होती है।”

CBIC ने कुछ और महत्वपूर्ण निर्णय भी लिए:

1. जीएसटीआर-5 और जीएसटीआर-6 के लिए दिसंबर 2024 की फाइलिंग की समय सीमा बढ़ाकर 15 जनवरी 2025 कर दी गई है।

2. जीएसटीआर-7 और जीएसटीआर-8 के लिए दिसंबर 2024 की फाइलिंग की समय सीमा बढ़ाकर 12 जनवरी 2025 कर दी गई है।

यह बढ़ाई गई समय सीमा करदाताओं के लिए राहत देने वाली है, खासकर उन करदाताओं के लिए जिन्हें तकनीकी गड़बड़ियों के कारण रिटर्न फाइल करने में कठिनाई आई थी।

– कार्तिक

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