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नई दिल्ली: भारतीय शास्त्रीय संगीत की दुनिया में एक अहम नाम, जाकिर हुसैन का 73 वर्ष की आयुमें निधन हो गया है। उनके परिवार ने इस दुखद समाचार की पुष्टि की है। जाकिर हुसैन को तबला वादन में उनकी अप्रतिम मास्टरली और वैश्विक पहचान के लिए जाना जाता था। उनकी मौत से संगीत की दुनिया कोगहरा नुकसान हुआ है।
हुसैन ने भारतीय शास्त्रीय संगीत की धारा को न केवल भारत में, बल्कि पूरे विश्व में सम्मान दिलवाया। उन्होंने तबले के साथ अपने अनूठे अंदाज में संगीत की प्रस्तुति दी, जो न केवल शास्त्रीय संगीत के प्रेमियों बल्किपश्चिमी देशों में भी मशहूर हुई। उन्होंने साल 1970 में अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी पहचान बनाई और फिरकभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। हुसैन को भारत रत्न से लेकर पद्मश्री और पद्मभूषण जैसे प्रमुख सम्मान प्राप्त हुए थे। उनका संगीत केवल भारत ही नहीं, बल्कि विश्वभर में गूंजता था। उन्होंने शास्त्रीय संगीत के साथ-साथ पश्चिमी संगीतकारों के साथ भी कई रिकॉर्डिंग की और सहयोग किया।
हुसैन के निधन से उनके परिवार, मित्रों और लाखों प्रशंसकों में शोक की लहर दौड़ गई है। उनका परिवार, जिसमें उनके भाई तारीक हुसैन और बेटे अम्जद हुसैन शामिल हैं, इस कठिन समय में अपने प्रशंसकों और संगीत प्रेमियों से समर्थन की अपील कर रहा है। जाकिर हुसैन की विरासत उनके संगीत के माध्यम से जीवित रहेगी, और वह हमेशा भारतीय संगीत के एक महान हस्ताक्षर के रूप में याद किए जाएंगे।
परिवार के करीबी सूत्रों के अनुसार, जाकिर हुसैन का अंतिम संस्कार जल्दी ही उनके परिवारिक स्थल पर किया जाएगा, और इस दौरान उनके करीबी रिश्तेदारों और संगीत जगत के लोग मौजूद रहेंगे। इस दुखद घड़ी में जाकिर हुसैन की कला और योगदान को हमेशा याद किया जाएगा, और उनका संगीत हमेशाजीवित रहेगा।
– कार्तिक