
- जर्मनी की संसद (बुंडेस्टाग) के विदेश मामलों की समिति के अध्यक्ष आर्मिन लाशेट ने भारतीय सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात में कहा, “जर्मनी आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के साथ खड़ा है।” उन्होंने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले पर गहरा दुख जताया और भारत के प्रति समर्थन व्यक्त किया।
- भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने भारत की “आतंकवाद के प्रति शून्य सहिष्णुता” (Zero Tolerance for Terrorism) की एकजुट और दृढ़ नीति को दोहराया और यह स्पष्ट किया कि भारत किसी भी प्रकार की ‘न्यूक्लियर ब्लैकमेल’ के आगे नहीं झुकेगा।
- दोनों देशों के नेताओं ने भारत-जर्मनी रणनीतिक साझेदारी में बढ़ती गति और वैश्विक शांति एवं सुरक्षा में संयुक्त भूमिका पर जोर दिया।
- प्रतिनिधिमंडल ने जर्मन संसद के उपाध्यक्ष ओमिद नूरीपुर से भी मुलाकात की और आतंकवाद के खिलाफ भारत के सैद्धांतिक रुख के लिए बर्लिन के मजबूत समर्थन की सराहना की।
- भारत के राजदूत अजीत गुप्ते ने प्रतिनिधिमंडल का स्वागत किया और भारत-जर्मनी संबंधों में रणनीतिक साझेदारी, व्यापार, रक्षा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथा मोबिलिटी में सहयोग को विस्तार देने पर चर्चा की।
पृष्ठभूमि:
- यह प्रतिनिधिमंडल उन सात बहुदलीय भारतीय दलों में से एक है, जिन्हें 33 वैश्विक राजधानियों में भेजा गया है ताकि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को पाकिस्तान के आतंकवाद से संबंधों के बारे में जागरूक किया जा सक।
- पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया था। भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर में आतंकवादी ढांचे पर सटीक हमले किए थे, जिसके जवाब में पाकिस्तान ने भी भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमले की कोशिश की। बाद में दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों की बातचीत के बाद जमीनी संघर्ष पर विराम लगा।
जर्मनी ने स्पष्ट रूप से भारत के आतंकवाद के खिलाफ रुख और सुरक्षा के लिए किए जा रहे प्रयासों का समर्थन किया है। दोनों देशों ने रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने तथा वैश्विक शांति और सुरक्षा में मिलकर योगदान देने की प्रतिबद्धता जताई है।