वाशिंगटन, भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने रविवार को वाशिंगटन में ऑस्ट्रेलिया और जापान के अपने समकक्षों के साथ महत्वपूर्ण बैठकें की। इन वार्ताओं में द्विपक्षीय संबंधों को प्रगाढ़ करने के साथ-साथ क्वाड से जुड़े प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की गई।
डोनाल्ड ट्रम्प प्रशासन के पहले कार्यकाल में शुरू की गई क्वाड पहल, जिसमें भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान और अमेरिका शामिल हैं, का उद्देश्य भारत-प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता, शांति और सहयोग को बढ़ावा देना है। बाइडेन प्रशासन के दौरान इसे नेतृत्व स्तर तक पहुंचाया गया। ट्रम्प के दूसरे कार्यकाल में भी इस समूह को प्राथमिकता दी जा रही है।
जयशंकर ने ट्वीट कर बैठक के नतीजों की जानकारी दी। उन्होंने कहा, “वाशिंगटन डीसी में आज @SenatorWong से मिलकर खुशी हुई। हमेशा की तरह, दुनिया की स्थिति पर हमारी चर्चा का आनंद लिया।” यह टिप्पणी उनकी ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री पेनी वोंग के साथ बैठक के संदर्भ में थी।
जापानी विदेश मंत्री ताकेशी इवाया के साथ मुलाकात के बाद जयशंकर ने ट्वीट किया, “जापानी विदेश मंत्री ताकेशी इवाया से मिलकर खुशी हुई। हमारी द्विपक्षीय सहयोग की प्रगति की समीक्षा की। साथ ही, क्वाड से संबंधित विकास पर चर्चा की।” यह बैठकें ऐसे समय में हुईं जब सभी क्वाड देशों के शीर्ष राजनयिक वाशिंगटन में डोनाल्ड ट्रम्प के दूसरे कार्यकाल के उद्घाटन समारोह में शामिल होने पहुंचे हैं।
सूत्रों के अनुसार, अमेरिकी विदेश मंत्री-निर्वाचित मार्को रुबियो और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प भारत-अमेरिका संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की योजना बना रहे हैं। जानकारी यह भी है कि रुबियो अपनी पहली द्विपक्षीय बैठक जयशंकर के साथ करना चाहते हैं। यह बैठक सीनेट से रुबियो की पुष्टि होने के तुरंत बाद हो सकती है। सोमवार शाम तक रुबियो के अमेरिकी विदेश मंत्री के रूप में शपथ लेने की संभावना है।
अमेरिकी उपराष्ट्रपति-निर्वाचित जेडी वांस ने चीनी उपराष्ट्रपति हान झेंग का स्वागत किया, जो ट्रम्प के उद्घाटन समारोह में शामिल होने आए हैं। दोनों नेताओं ने फेंटेनाइल, व्यापार संतुलन और क्षेत्रीय स्थिरता जैसे मुद्दों पर चर्चा की। इसे दोनों देशों के रिश्तों को प्रगाढ़ करने के प्रयासों के तौर पर देखा जा रहा है।
ट्रम्प प्रशासन के पिछले कार्यकाल में क्वाड को एक अंतरराष्ट्रीय मंच पर विशेष स्थान दिलाने की पहल की गई थी। यह मंच भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के बीच बहुपक्षीय सहयोग का केंद्र बन चुका है। इस बार, ट्रम्प प्रशासन इसे और अधिक प्रभावशाली बनाने पर काम करेगा।
जयशंकर और उनके समकक्षों की इन मुलाकातों का मकसद केवल द्विपक्षीय सहयोग तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका ध्यान क्षेत्रीय स्थिरता सुनिश्चित करने और वैश्विक चुनौतियों का मिलकर समाधान खोजने पर भी है। वाशिंगटन में इन वार्ताओं ने क्वाड की भूमिका को और सशक्त किया है।
मार्को रुबियो के विदेश मंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद यह उम्मीद की जा रही है कि वह क्वाड को प्राथमिकता देंगे। सूत्र बताते हैं कि उनका पहला कदम विदेश नीति में भारत-अमेरिका के बढ़ते महत्व को रेखांकित करना होगा। यह वार्ता केवल सहयोग के लिए नहीं बल्कि वैश्विक राजनीति में एक मजबूत संदेश देने के लिए भी आयोजित हो रही है।
क्वाड देशों के मंत्रियों की यह मुलाकात भारत-प्रशांत क्षेत्र में शांति, स्थिरता और आर्थिक सहयोग के भविष्य के लिए बेहद अहम मानी जा रही है।
– कार्तिक