केंद्रीय कर्मचारियों के लिए मोदी सरकार ने एक बड़ी घोषणा की है। अब केंद्रीय कर्मचारी अवकाश यात्रा रियायत (एलटीसी) के तहत तेजस एक्सप्रेस, वंदे भारत एक्सप्रेस और हमसफर एक्सप्रेस जैसी प्रीमियम ट्रेनों से यात्रा कर सकेंगे। यह कदम कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DoPT) द्वारा कई कार्यालयों और व्यक्तियों से प्राप्त सुझावों के बाद उठाया गया है। इन ट्रेनों को एलटीसी के तहत मंजूरी देने की मांग लंबे समय से की जा रही थी, जिसे अब सरकार ने स्वीकार किया है।
DoPT ने जारी किया आदेश
DoPT ने इस फैसले के बारे में एक आदेश जारी किया है। आदेश में कहा गया है कि केंद्रीय कर्मचारी अब केवल राजधानी, शताबदी और दुरंतो ट्रेनों के अलावा तेजस एक्सप्रेस, वंदे भारत एक्सप्रेस और हमसफर एक्सप्रेस जैसी प्रीमियम ट्रेनों से भी यात्रा कर सकेंगे, बशर्ते वे पात्रता की शर्तों को पूरा करते हों। यह कदम सरकार ने कर्मचारियों को आरामदायक और सुविधाजनक यात्रा अनुभव प्रदान करने के उद्देश्य से उठाया है। इसके साथ ही, इस आदेश में यह भी कहा गया है कि कर्मचारियों को इन ट्रेनों से यात्रा करने पर उनके टिकट खर्च का पुनर्भरण भी मिलेगा। वे अपने यात्रा खर्च का दावा कर सकेंगे और यह राशि उनके यात्रा के दौरान किए गए खर्च के आधार पर उन्हें वापस की जाएगी।
एलटीसी क्या है?
एलटीसी यानी अवकाश यात्रा रियायत, एक ऐसी सुविधा है जो सरकारी कर्मचारियों को उनके घर जाने या किसी अन्य स्थान पर यात्रा करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है। यह सुविधा एक निर्धारित अवधि के बाद कर्मचारियों को दी जाती है। एलटीसी के तहत कर्मचारियों को यात्रा के टिकट का खर्च वापस मिलता है, जो उन्हें सरकार द्वारा अनुमोदित यात्रा मार्गों के तहत यात्रा करते हुए किया गया हो। इसके अलावा, कर्मचारियों को इस सुविधा का उपयोग करके अपने परिवार के साथ समय बिताने का अवसर मिलता है, जो उनके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है।
एलटीसी के लाभों में मुख्य रूप से यात्रा पर हुए खर्चों का पुनर्भरण शामिल है, जिससे कर्मचारियों को अपनी यात्रा के दौरान होने वाले आर्थिक बोझ से राहत मिलती है। इसके अलावा, यह सुविधा कर्मचारियों को अपनी नौकरी के तनाव से कुछ समय के लिए बाहर निकालने का मौका देती है, जिससे उनका काम में मनोबल और संतुष्टि बढ़ती है।
केंद्रीय कर्मचारियों का इंतजार: महंगाई भत्ता में वृद्धि की उम्मीद
केंद्रीय कर्मचारी अब 2025 के पहले छमाही के लिए महंगाई भत्ता (DA) में बढ़ोतरी का इंतजार कर रहे हैं। यह उम्मीद जताई जा रही है कि सरकार मार्च 2025 तक DA के बारे में फैसला ले सकती है। महंगाई भत्ते (DA) में वृद्धि हर छह महीने में की जाती है, और यह 7वीं वेतन आयोग की सिफारिशों के आधार पर की जाती है। कर्मचारियों को उम्मीद है कि जल्द ही सरकार इस विषय पर फैसला लेकर उन्हें राहत प्रदान करेगी।
महंगाई भत्ता एक महत्वपूर्ण वित्तीय सहायता है, जो कर्मचारियों को महंगाई के प्रभाव से बचाने के लिए बढ़ाया जाता है। हालांकि, कोरोना महामारी के दौरान सरकार ने महंगाई भत्ता वृद्धि को 18 महीनों के लिए स्थगित कर दिया था, जिससे कर्मचारियों को आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ा था। अब उम्मीद है कि सरकार आगामी वित्तीय वर्ष में महंगाई भत्ता में वृद्धि करेगी।
– कार्तिक