कर्नाटका में मानव मेटाप्न्युमोवायरस (HMPV) के दो मामलों की पुष्टि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को की। इन दोनों शिशुओं में से एक को पहले ही अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है, जबकि दूसरे का इलाज जारी है। राज्य के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री, दिनेश गुंडू राव ने नागरिकों को आश्वस्त किया कि इस वायरस के कारण घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है, क्योंकि यह एक सामान्य वायरस है, और यह कोई नया स्ट्रेन नहीं है। उन्होंने यह भी खंडन किया कि यह पहले मामले थे, जैसा कि कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया था।
पहले मामले का विवरण
HMPV का पहला मामला बेंगलुरु के बैप्टिस्ट अस्पताल में एक तीन महीने की बच्ची में पाया गया। बच्ची को ब्रोंकोप्न्युमोनिया (Bronchopneumonia) का इतिहास था और उसे सांस लेने में समस्या हो रही थी, जिसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती किया गया। जांच के दौरान इस बच्ची का HMPV परीक्षण सकारात्मक आया, लेकिन अब वह पूरी तरह से ठीक हो चुकी है और उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।
दूसरे मामले की जानकारी
दूसरा मामला आठ महीने के एक लड़के का है, जो 3 जनवरी को बैप्टिस्ट अस्पताल में भर्ती हुआ था। उसका भी HMPV परीक्षण सकारात्मक आया था, और वह फिलहाल ठीक हो रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, बच्चा अब स्वस्थ हो रहा है और उसके स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है।
वायरस का वैश्विक प्रसार और स्थानीय स्थिति
स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह जानकारी दी कि HMPV पहले से ही वैश्विक स्तर पर मौजूद है, जिसमें भारत भी शामिल है, और इस वायरस से जुड़ी श्वसन संबंधी बीमारियां कई देशों में देखी जा चुकी हैं। मंत्रालय के अनुसार, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) और इंटीग्रेटेड डिजीज सर्विलांस प्रोग्राम (IDSP) नेटवर्क की वर्तमान डेटा के आधार पर, देश में इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारियों या गंभीर श्वसन संक्रमण (SARI) के मामलों में कोई असामान्य वृद्धि नहीं देखी गई है।
मंत्री का बयान
मंत्री दिनेश गुंडू राव ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “यह पहला मामला नहीं है। HMPV एक मौजूदा वायरस है और एक निश्चित प्रतिशत लोग इस वायरस से प्रभावित होते हैं। यह कोई नया वायरस नहीं है।” उन्होंने यह भी कहा कि चीन में HMPV के एक नए वैरिएंट के प्रकोप के बारे में जानकारी मिल रही है, लेकिन इस पर अभी तक पूरी जानकारी उपलब्ध नहीं है। “HMPV पहले से मौजूद है और यह सामान्य लक्षण उत्पन्न करता है। यह एक स्व-सीमित वायरस है,” उन्होंने कहा।
HMPV वायरस क्या है?
HMPV एक श्वसन संबंधी वायरस है, जो बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले व्यक्तियों को अधिक प्रभावित करता है। इसके लक्षण आमतौर पर सामान्य फ्लू जैसे होते हैं—सर्दी, खांसी, बुखार, गले में खराश, और सांस लेने में कठिनाई। कुछ मामलों में यह गंभीर श्वसन संक्रमण जैसे निमोनिया और ब्रोंकाइटिस का कारण भी बन सकता है। यह वायरस आमतौर पर सर्दी और ग्रीष्मकाल में फैलता है, जब लोग अधिक समय तक बंद स्थानों में रहते हैं और एक-दूसरे से संपर्क बढ़ता है।
स्थिति का आकलन और आगे की योजना
राज्य सरकार ने ICMR और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ मिलकर इस वायरस के प्रसार और स्थिति का आकलन करने के लिए बैठकें आयोजित की हैं। मंत्री दिनेश गुंडू राव ने यह भी कहा कि वे ICMR और भारत सरकार से चर्चा कर रहे हैं ताकि यह तय किया जा सके कि आगे कोई अतिरिक्त कदम उठाने की आवश्यकता है या नहीं।
कर्नाटका में HMPV के दो मामलों का सामने आना सामान्य प्रक्रिया का हिस्सा है, और स्वास्थ्य अधिकारियों ने इसे लेकर घबराने की कोई आवश्यकता नहीं बताई है। यह वायरस पहले से मौजूद है और आमतौर पर इसका इलाज लक्षणों के आधार पर किया जाता है। स्वास्थ्य मंत्रालय और राज्य सरकार नागरिकों से अपील कर रहे हैं कि वे किसी भी तरह की श्वसन लक्षण दिखने पर तुरंत चिकित्सकीय सहायता लें और स्वच्छता तथा हाइजीन का ध्यान रखें।
– कार्तिक