इंडोनेशियाई राष्ट्रपति प्राबोवो सुबियांतो गुरुवार, 23 जनवरी 2025 को भारत पहुंचे। वह नई दिल्ली में रविवार को होने वाले 76वें गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में हिस्सा लेंगे। यह प्राबोवो सुबियांतो की भारत की पहली राजकीय यात्रा है। वह गणतंत्र दिवस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि बनने वाले चौथे इंडोनेशियाई राष्ट्रपति हैं।
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राष्ट्रपति प्राबोवो सुबियांतो हैदराबाद हाउस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ
शनिवार, 25 जनवरी को राष्ट्रपति सुबियांतो हैदराबाद हाउस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ आधिकारिक वार्ता करेंगे। दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडल बैठक का नेतृत्व करेंगे। इसके दौरान कई समझौतों (MoUs) पर हस्ताक्षर किए जाएंगे।
राष्ट्रपति सुबियांतो राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा आयोजित ‘एट होम’ रिसेप्शन में भी शामिल होंगे। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ भी इस अवसर पर उनसे मिलेंगे। आधिकारिक कार्यक्रम शुक्रवार से शुरू होंगे, जहां विदेश मंत्री एस. जयशंकर राष्ट्रपति सुबियांतो से मुलाकात करेंगे।
प्राचीन मित्रता
भारत ने इंडोनेशिया की आज़ादी को सबसे पहले मान्यता दी थी और 1940 के दशक में नई दिल्ली ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इंडोनेशिया की स्वतंत्रता को मान्यता दिलाने का अभियान चलाया था। इस रिश्ते को 1950 में तब एक बड़ा प्रोत्साहन मिला, जब राष्ट्रपति सुकर्णो को पहले गणतंत्र दिवस समारोह का मुख्य अतिथि बनने का आमंत्रण दिया गया था।
बीते दशकों में, इंडोनेशिया भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी का एक महत्वपूर्ण स्तंभ बनकर उभरा है। दोनों देशों के बीच नियमित स्तर पर अधिकारी और सैन्य बातचीत होती रही है। 2023-24 में भारत-इंडोनेशिया के बीच द्विपक्षीय व्यापार 29.4 अरब डॉलर पर पहुंच गया, जिससे इंडोनेशिया भारत का ASEAN क्षेत्र में सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बन गया।
रक्षा और रणनीतिक साझेदारी
2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडोनेशिया की यात्रा की थी। इस यात्रा के दौरान भारत-इंडोनेशिया के रिश्तों को ‘समग्र रणनीतिक साझेदारी’ के स्तर तक ले जाया गया। इसके साथ ही इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में समुद्री सहयोग पर साझा दृष्टिकोण को अपनाया गया।
उसी वर्ष, भारत और इंडोनेशिया ने रक्षा सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किए। इसके तहत दोनों देशों की सेनाओं के बीच अधिकारी-स्तरीय बातचीत में बढ़ोतरी हुई है। इस साझेदारी ने रक्षा और रणनीतिक सहयोग को नई ऊंचाई पर पहुंचाया है।
प्राचीन सांस्कृतिक साझेदारी
इंडोनेशिया में भारतीय डायस्पोरा की जड़ें बहुत पुरानी हैं और यह ASEAN क्षेत्र में सबसे पुराने भारतीय समुदायों में से एक है। भारत और इंडोनेशिया प्राचीन काल से सांस्कृतिक साझेदार रहे हैं। राष्ट्रपति प्राबोवो की इस यात्रा से रक्षा, सुरक्षा, व्यापार-निवेश, स्वास्थ्य सेवा, डिजिटल टेक्नोलॉजी, ऊर्जा, संस्कृति, पर्यटन और लोगों के बीच संबंधों को बढ़ावा देने का अवसर मिलेगा।
प्रत्यक्ष हवाई संपर्क और पर्यटन
भारत और इंडोनेशिया के बीच दक्षिण-पूर्व एशियाई क्षेत्र से सबसे पुरानी विमानन साझेदारी है। द्विपक्षीय संबंधों के तुरंत बाद 1940 और 1950 के दशक में प्रत्यक्ष उड़ान सेवा शुरू की गई थी। भारतीय पर्यटक भी इंडोनेशियाई स्थानों, विशेष रूप से बाली, के सबसे बड़े समूहों में से हैं।
राष्ट्रपति प्राबोवो की यात्रा के दौरान ‘तीसरा भारत-इंडोनेशिया सीईओ फोरम’ का भी आयोजन होगा, जो आर्थिक संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।