आंध्र प्रदेश सरकार ने 2025-26 के लिए ₹3.22 लाख करोड़ का बजट विधानसभा में पेश किया। इस बजट का उद्देश्य राज्य की आर्थिक स्थिति को मजबूत करना और विकासात्मक कार्यों को बढ़ावा देना है। वित्त मंत्री पय्यावुला केशव ने यह बजट विधानसभा में पेश करते हुए कहा कि राज्य के विकास के लिए खासतौर पर शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, और इंफ्रास्ट्रक्चर पर ध्यान दिया जाएगा।
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मुख्य बजट प्रावधान
बजट में शिक्षा के लिए ₹31,805 करोड़, स्वास्थ्य के लिए ₹19,264 करोड़ और कृषि के लिए ₹16,000 करोड़ का आवंटन किया गया है। इससे स्पष्ट होता है कि राज्य सरकार का ध्यान इन प्रमुख क्षेत्रों पर केंद्रित है। सरकार ने किसानों के कल्याण के लिए भी कई योजनाओं की घोषणा की है, जिनमें सिंचाई परियोजनाओं के लिए ₹9,000 करोड़ का प्रावधान शामिल है।
बजट में कृषि संकट को दूर करने के लिए कई योजनाओं की घोषणा की गई है, जिनमें विशेष रूप से जल संकट और सूखा प्रभावित क्षेत्रों के लिए कदम उठाए जाएंगे। इसके अलावा, सरकार ने ग्रामीण विकास के लिए ₹20,000 करोड़ का आवंटन किया है, ताकि गांवों में बुनियादी सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके।
राजस्व और वित्तीय घाटा
वित्त मंत्री के अनुसार, आंध्र प्रदेश का अनुमानित राजस्व व्यय ₹2.51 लाख करोड़ है, जबकि पूंजीगत व्यय ₹40,000 करोड़ से अधिक रखा गया है। इसके साथ ही, राज्य का राजस्व घाटा ₹33,185 करोड़ (राज्य सकल घरेलू उत्पाद का 1.82 प्रतिशत) और राजकोषीय घाटा ₹79,926 करोड़ (राज्य सकल घरेलू उत्पाद का 4.38 प्रतिशत) अनुमानित है। यह आंकड़े राज्य की वित्तीय स्थिति की गंभीरता को दर्शाते हैं और आने वाले समय में वित्तीय प्रबंधन की दिशा को प्रभावित कर सकते हैं।
केंद्र से सहयोग की आवश्यकता
वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि आंध्र प्रदेश की वित्तीय स्थिति को सुधारने के लिए केंद्र सरकार से सहयोग की आवश्यकता है। राज्य सरकार केंद्र से अधिक वित्तीय सहायता की उम्मीद करती है, ताकि वह अपनी विभिन्न योजनाओं को लागू कर सके। राज्य सरकार का मानना है कि केंद्रीय वित्तीय सहायता के बिना राज्य की योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करना मुश्किल होगा।
राज्य की आर्थिक स्थिति में सुधार की उम्मीद
आंध्र प्रदेश सरकार का यह बजट पूर्व प्रशासन द्वारा छोड़ी गई वित्तीय चुनौतियों का समाधान करने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। राज्य में विकास की गति को बढ़ाने के लिए सरकार ने कई योजनाओं और प्रावधानों का ऐलान किया है, जिनसे रोजगार के अवसर बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है। वित्त मंत्री केशव ने बताया कि सरकार राज्य के हर नागरिक के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है और यह बजट इसी दिशा में एक कदम है।
आर्थिक संकट और राजकोषीय घाटे के बावजूद, सरकार ने यह बजट पेश किया है, जो कि आने वाले वर्षों में राज्य के विकास को लेकर उम्मीदें जगा सकता है। हालांकि, इस बजट का प्रभावी कार्यान्वयन और वित्तीय प्रबंधन की सफलता राज्य के आर्थिक विकास की गति को प्रभावित कर सकती है।
निवेशकों और विशेषज्ञों की राय
निवेशकों और अर्थशास्त्रियों का मानना है कि आंध्र प्रदेश सरकार का बजट सुधार की दिशा में एक सकारात्मक कदम है, लेकिन वित्तीय घाटे को नियंत्रित करना एक बड़ी चुनौती है। उन्हें यह उम्मीद है कि सरकार अपने विकासात्मक कार्यों को प्रभावी ढंग से लागू करेगी और इसके लिए राज्य सरकार को केंद्र से पर्याप्त सहायता प्राप्त होगी।
आंध्र प्रदेश सरकार का 2025-26 का बजट राज्य के आर्थिक विकास और नागरिकों की भलाई के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है। शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि और बुनियादी ढांचे जैसे क्षेत्रों में किए गए निवेश से राज्य के विकास की गति को बढ़ावा मिलने की संभावना है। हालांकि, इसके सफल क्रियान्वयन के लिए सही वित्तीय प्रबंधन और केंद्र से सहयोग की आवश्यकता होगी।
इस बजट से यह साफ है कि आंध्र प्रदेश सरकार विकास के लिए गंभीर है और विभिन्न क्षेत्रों में सुधार की दिशा में काम कर रही है। भविष्य में इसका प्रभाव राज्य की आर्थिक स्थिति पर सकारात्मक असर डाल सकता है।