यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेन्स्की ने अमेरिका-यूक्रेन खनिज समझौते के लिए अपनी प्रतिबद्धता जताई

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यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेन्स्की ने हाल ही में कहा कि वह अभी भी अमेरिका के साथ खनिज समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए तैयार हैं, भले ही उनकी व्हाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ बैठक में तनावपूर्ण स्थिति उत्पन्न हो गई हो। ज़ेलेन्स्की ने यह स्पष्ट किया कि उनका उद्देश्य यूक्रेन की स्थिति को सुना जाना और एक सकारात्मक संवाद कायम करना है, ताकि दोनों देशों के बीच बेहतर संबंध स्थापित हो सकें। यह बयान तब आया है, जब व्हाइट हाउस में पिछले हफ्ते ट्रंप और ज़ेलेन्स्की के बीच एक विवादास्पद बैठक हुई थी, जिसमें दोनों पक्षों के बीच तीखी नोकझोंक हुई।

अमेरिका-यूक्रेन खनिज समझौता: ज़ेलेन्स्की की प्रतिबद्धता

व्हाइट हाउस में ट्रंप और ज़ेलेन्स्की के बीच हुई बैठक का परिणाम यह हुआ कि दोनों के बीच कोई ठोस समझौता नहीं हो सका। हालांकि, यूक्रेनी राष्ट्रपति ने अपनी स्थिति पर अडिग रहते हुए कहा कि वह US-यूक्रेन खनिज समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए अभी भी तैयार हैं। ज़ेलेन्स्की ने बीबीसी के साथ बातचीत में कहा, “हम चाहते हैं कि हमारे साझेदार यह याद रखें कि इस युद्ध में हमलावर कौन है। हमारी उम्मीद है कि अमेरिका और अन्य साझेदार देशों से हमें पूरा समर्थन मिलेगा।” यह समझौता यूक्रेन और अमेरिका के बीच सुरक्षा संबंधों को मजबूत करने का एक कदम था, लेकिन बैठक के बाद स्थिति जटिल हो गई।

व्हाइट हाउस बैठक में तनाव: ट्रंप, ज़ेलेन्स्की और वेंस के बीच विवाद

व्हाइट हाउस में हुई बैठक के दौरान ज़ेलेन्स्की, ट्रंप और अमेरिकी उपराष्ट्रपति JD Vance के बीच तीखी बहस हुई। इस दौरान ज़ेलेन्स्की ने अमेरिका से उम्मीद जताई थी कि वह यूक्रेन के संघर्ष में अधिक सक्रिय भूमिका निभाएंगे। हालांकि, यह बैठक किसी सकारात्मक नतीजे पर नहीं पहुंच सकी, और इसके परिणामस्वरूप यूक्रेन के राष्ट्रपति को बिना समझौते के व्हाइट हाउस से बाहर जाना पड़ा। ज़ेलेन्स्की ने कहा, “यह बैठक न तो अमेरिका के लिए लाभकारी थी और न ही यूक्रेन के लिए, बल्कि यह केवल रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन को फायदा पहुंचाती है।”

यूक्रेन के लिए बेहतर सुरक्षा गारंटी: मजबूत यूक्रेनी सेना

यूक्रेनी राष्ट्रपति ने लंदन में आयोजित यूरोपीय नेताओं के शिखर सम्मेलन के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा कि उनकी सरकार का मानना है कि सबसे प्रभावी सुरक्षा गारंटी एक मजबूत और सक्षम यूक्रेनी सेना है। उन्होंने यह भी कहा कि यूरोप को अमेरिकी समर्थन की आवश्यकता है, खासकर वायु रक्षा और खुफिया जानकारी के क्षेत्र में। उनका यह बयान यूरोप और अमेरिका के सहयोग को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना गया। ज़ेलेन्स्की ने यह भी कहा कि यूरोपीय देशों को अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए, लेकिन कोई भी स्थायी शांति समझौता अमेरिकी समर्थन के बिना संभव नहीं होगा।

नाटो सदस्यता: ज़ेलेन्स्की का दृढ़ रुख

यूक्रेनी राष्ट्रपति ने नाटो सदस्यता पर भी अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा, “मैंने पहले ही कह दिया है कि यदि हम नाटो के सदस्य बनते हैं, तो इसका मतलब है कि मैंने अपनी मिशन को पूरा किया।” उनका यह बयान यूक्रेन की नाटो सदस्यता को लेकर उनकी सरकार की दृढ़ इच्छाशक्ति को दर्शाता है। ज़ेलेन्स्की ने यह भी कहा कि यदि कोई अन्य राष्ट्र यह तय करना चाहता है कि यूक्रेन का नेतृत्व कौन करेगा, तो यह “लोकतांत्रिक” नहीं होगा। उन्होंने अमेरिकी सीनेटर लिंडसे ग्राहम के बयान का जवाब देते हुए कहा कि यदि किसी को उनके पद से हटाने की कोशिश की जाती है, तो यह केवल नाटो सदस्यता के जरिए ही संभव होगा। उनका यह बयान इस बात को स्पष्ट करता है कि यूक्रेन के लिए नाटो सदस्यता केवल सैन्य सुरक्षा के लिए नहीं, बल्कि राजनीतिक और लोकतांत्रिक स्वतंत्रता के लिए भी आवश्यक है।

अमेरिका और यूक्रेन के रिश्ते: भविष्य की दिशा

यूक्रेनी राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि यूक्रेन और अमेरिका के रिश्ते खराब नहीं होंगे और वह इस स्थिति के गुजरने का विश्वास रखते हैं। उन्होंने कहा कि हाल ही में इस संबंध में संवाद हुआ है, हालांकि यह बातचीत उनके स्तर पर नहीं हुई थी। ज़ेलेन्स्की ने यह स्पष्ट किया कि यदि कोई समझौता नहीं होता है तो यह सिर्फ रूस के लिए एक जीत होगी, न कि अमेरिका या यूरोप के लिए। उनके अनुसार, यूक्रेन की असफलता यूरोप और अमेरिका दोनों के लिए एक बड़ी हार होगी।

यूक्रेन और अमेरिका के रिश्तों में उतार-चढ़ाव जारी है, लेकिन ज़ेलेन्स्की ने यह स्पष्ट किया है कि वह अमेरिका के साथ अपने रिश्तों को सुधारने और मजबूत करने के लिए तैयार हैं। उनके मुताबिक, यूक्रेन के लिए सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि उसकी स्थिति को सुनवाया जाए और उस पर ध्यान दिया जाए। यूक्रेन की सुरक्षा, उसकी सेना की ताकत और नाटो सदस्यता के मुद्दे पर उनका रुख साफ है, और वे अमेरिका और यूरोप के सहयोग के साथ भविष्य में रूस के खिलाफ अपनी लड़ाई को जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

- कार्तिक
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