आम आदमी पार्टी (AAP) की नेता अतिशी ने दिल्ली में नई, भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेतृत्व वाली सरकार पर ₹2,500 महीने की महिला वित्तीय सहायता देने के वादे को पूरा नहीं करने का आरोप लगाया है। यह वादा BJP ने चुनावी अभियान में दिल्ली की महिलाओं से किया था।
आर्टिकल में –
अतिशी का बीजेपी पर ‘वचन तोड़ने’ का आरोप
अतिशी ने गुरुवार को एक वीडियो में कहा कि दिल्ली की नई सीएम रेखा गुप्ता द्वारा नेतृत्व की गई कैबिनेट की पहली बैठक में दो महत्वपूर्ण एजेंडा आइटम पास किए गए, लेकिन महिला सहायता योजना को लागू करने का प्रस्ताव पेश नहीं किया गया। यह योजना BJP का एक प्रमुख चुनावी वादा था।
अतिशी ने कहा, “बीजेपी ने वादा किया था कि पहली कैबिनेट बैठक में इस योजना को पास किया जाएगा, जिसमें दिल्ली की महिलाओं को ₹2,500 प्रति माह मिलेंगे। रेखा गुप्ता और उनके मंत्री ने शपथ ली थी, और शाम को सात बजे पहली कैबिनेट बैठक हुई थी। महिलाएं उम्मीद कर रही थीं कि यह योजना पास की जाएगी।”
उन्होंने कहा, “पहले ही दिन बीजेपी ने अपने वादे तोड़ दिए… उन्होंने इस योजना को पास नहीं किया… बीजेपी ने लोगों को धोखा देने का मन बना लिया है।”
बीजेपी का चुनावी वादा और AAP की प्रतिक्रिया
चुनाव के दौरान बीजेपी ने वादा किया था कि दिल्ली की महिलाओं को ₹2,500 प्रति माह वित्तीय सहायता दी जाएगी। यह योजना दिल्ली की महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण पहल मानी जा रही थी। बीजेपी ने यह भी कहा था कि इसे सबसे पहले कैबिनेट बैठक में पारित किया जाएगा।
लेकिन पहले कैबिनेट बैठक में इस वादे को पूरा न किए जाने के बाद यह विवाद उठ खड़ा हुआ। अतिशी ने दिल्लीवासियों की निराशा को उजागर किया, जिन्होंने इस योजना के तुरंत लागू होने की उम्मीद की थी। अतिशी ने बीजेपी की प्राथमिकताओं पर भी सवाल उठाया, यह कहते हुए कि जहां एक ओर स्वास्थ्य योजना जैसे अन्य प्रस्तावों को पास किया गया, वहीं महिला सहायता योजना को नजरअंदाज किया गया।
दिल्ली सरकार की पहली कैबिनेट बैठक और अन्य नीति निर्णय
पहली कैबिनेट बैठक में, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने यह घोषणा की कि दिल्ली सरकार केंद्र सरकार की प्रमुख आयुष्मान भारत स्वास्थ्य बीमा योजना को लागू करेगी, जो बीजेपी के चुनावी वादों में से एक था। यह योजना दिल्ली में स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार के लिए अहम कदम मानी जा रही है।
आयुष्मान भारत योजना के तहत प्रत्येक लाभार्थी को ₹10 लाख का स्वास्थ्य कवर मिलेगा, जिसमें केंद्र और दिल्ली सरकार दोनों ₹5 लाख का योगदान करेंगे। इस योजना को लागू करना दिल्ली सरकार के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, खासकर उन परिवारों के लिए जो महंगे इलाज का सामना करते हैं। यह योजना भारत सरकार की स्वास्थ्य नीतियों के तहत एक अहम पहल है, और बीजेपी की दिल्ली सरकार ने इसे अपनी पहली कैबिनेट बैठक में लागू करने का निर्णय लिया है।
साथ ही, रेखा गुप्ता ने यह भी कहा कि उनकी सरकार अगले सत्र में विधानसभा में 14 कंप्ट्रोलर और ऑडिटर जनरल (CAG) रिपोर्ट पेश करेगी। ये रिपोर्टें पूर्व की AAP सरकार द्वारा ‘ब्लॉक’ कर दी गई थीं। गुप्ता ने इसे लेकर पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर भी निशाना साधते हुए कहा कि पूर्व सरकार ने इन रिपोर्टों को प्रस्तुत नहीं किया और उनकी सरकार इसे अब विधानसभा में पेश करेगी।
राजनीतिक विरोध और बयानबाजी
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने यह भी कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा किए गए बयानों का जवाब देना जरूरी नहीं है। उन्होंने कहा, “यह हमारी सरकार है, और एजेंडा हमारा होगा। हमें काम करने दो, वे जो करना चाहते थे, कर चुके हैं।” इस बयान से साफ जाहिर होता है कि नई बीजेपी सरकार अपनी रणनीतियों और प्राथमिकताओं के साथ काम करेगी, और वह किसी भी तरह के हस्तक्षेप को स्वीकार नहीं करेगी।
गुप्ता के इस बयान से राजनीतिक विरोध और बयानबाजी का सिलसिला तेज हो सकता है, खासकर AAP के साथ। दिल्ली की राजनीति में यह मुकाबला बीजेपी और AAP के बीच गर्मा सकता है, क्योंकि दोनों पार्टियां दिल्ली के लोगों के लिए अपनी-अपनी योजनाओं और योजनाओं को लेकर आगे बढ़ रही हैं।
बीजेपी के वादे और आगामी कदम
दिल्ली में बीजेपी ने जो वादे किए थे, उनमें से एक प्रमुख वादा ₹2,500 की महिला सहायता योजना था। अब देखना यह है कि क्या बीजेपी इसे जल्द लागू करती है या यह वादा चुनावी राजनीति का हिस्सा बनकर रह जाता है। AAP की आलोचनाओं के बीच बीजेपी सरकार के लिए यह तय करना महत्वपूर्ण होगा कि वह जल्द से जल्द इस वादे को पूरा करेगी या नहीं, क्योंकि महिलाओं का मुद्दा दिल्ली के चुनावों में एक महत्वपूर्ण कारक था।
यह भी संभव है कि बीजेपी अपनी अन्य प्राथमिकताओं, जैसे आयुष्मान भारत योजना, पर अधिक ध्यान केंद्रित करे, जबकि महिला वित्तीय सहायता योजना को बाद में लागू करने का निर्णय ले। हालांकि, महिलाओं के लिए ₹2,500 की मासिक सहायता योजना की दिशा में कोई भी ठोस कदम न उठाने से बीजेपी की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े हो सकते हैं।
वादों की राह और राजनीति का खेल
दिल्ली में बीजेपी सरकार का पहला कदम महत्वपूर्ण है, लेकिन महिलाओं के लिए किए गए वादे को लेकर पार्टी को तीव्र आलोचनाओं का सामना करना पड़ सकता है। राजनीति में वादे और उनके पूरे होने की प्रक्रिया हमेशा चुनौतीपूर्ण होती है, और बीजेपी को यह सुनिश्चित करना होगा कि वह अपने वादों को जल्दी और प्रभावी तरीके से पूरा करें। वहीं, AAP भी इस मुद्दे को लेकर राजनीतिक हमले तेज कर सकती है।
आगे बढ़ते हुए, दिल्ली में बीजेपी का नेतृत्व महिलाओं के लिए किए गए वादे को निभाने की दिशा में क्या कदम उठाता है, यह देखना दिलचस्प होगा। इस पूरी राजनीति के बीच, जनता का विश्वास और उम्मीदें भी महत्वपूर्ण होंगे, जो अंततः सरकार की कार्यप्रणाली को तय करेंगी।
-कार्तिक
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