दिल्ली चुनाव: ‘आरोप और इल्जामों का दौर चले, कोई गिला नहीं’, शायराना अंदाज में CEC ने सियासी दलों को दिया जवाब

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{IMAGE CREDIT - THE ECONOMIC TIMES}

दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान करते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) राजीव कुमार ने शायराना अंदाज में सियासी दलों के सवालों का जवाब दिया। चुनावी तारीखों की घोषणा से पहले, विभिन्न राजनीतिक दलों की ओर से उठाए गए सवालों का राजीव कुमार ने विस्तार से जवाब दिया और इस दौरान उनकी शायराना शैली ने सबका ध्यान आकर्षित किया।

चुनाव आयोग द्वारा दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा के समय मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा, “सबसे सवाल अहमियत रखते हैं, जवाब तो बनता है, आदतन कलम बंद जवाब देते रहे, आज रूबरू भी बनता है, क्या पता कल हम हो न हों, आज जवाब तो बनता है।” इस शेर के माध्यम से उन्होंने राजनीतिक दलों और मीडिया द्वारा उठाए गए सवालों का संजीदगी से जवाब दिया और यह संदेश दिया कि चुनाव आयोग किसी भी तरह के आरोपों या इल्जामों से घबराता नहीं है, बल्कि हर सवाल का माकूल जवाब देने के लिए तैयार है।

विपक्षी दलों की ओर से उठाए जा रहे सवालों का जवाब देते हुए, राजीव कुमार ने कहा, “कर ना सकें इकरार तो कोई बात नहीं, मेरी वफा का उनको एतबार तो है, शिकायत भले ही उनकी मजबूरी हो, मगर सुनना – सहना – सुलझाना हमारी आदत तो है।” इस शेर में उन्होंने साफ तौर पर कहा कि चुनाव आयोग किसी भी आरोप को नकारता नहीं है, लेकिन आरोपों का निराकरण करना उनकी जिम्मेदारी है, और इसे वे पूरी ईमानदारी से निभाएंगे।

मुख्य चुनाव आयुक्त ने चुनावी माहौल को और भी जीवंत करते हुए कहा, “आरोपों और इल्जामों का दौर चले, कोई गिला नहीं, झूठ के गुब्बारों को बुलंदी मिले, कोई शिकवा नहीं, हर परिणाम में प्रमाण देते हैं, पर वो बिना सबूत शक की नई दुनिया रौनक करते हैं। शक का इलाज तो हकीम लुकमान के पास भी नहीं।” इस शेर में उन्होंने विपक्ष द्वारा उठाए जा रहे बिन सबूत के आरोपों का उल्लेख करते हुए यह संदेश दिया कि चुनाव आयोग हर कदम पर पारदर्शिता और प्रमाण के साथ कार्य करता है, और यदि कोई बिना सबूत के शक फैलाता है, तो वह उस पर ध्यान नहीं देता।

दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान करते हुए राजीव कुमार ने यह भी बताया कि दिल्ली में 70 विधानसभा सीटों के लिए 5 फरवरी को मतदान होगा और मतगणना 8 फरवरी को होगी। उन्होंने बताया कि दिल्ली में कुल 1.55 करोड़ पंजीकृत मतदाता हैं, जिनमें 83.49 लाख पुरुष और 71.74 लाख महिलाएं शामिल हैं। युवा मतदाताओं की संख्या 28.89 लाख है, जबकि पहली बार वोट डालने के योग्य युवा मतदाताओं की संख्या 2.08 लाख है। इस प्रकार, दिल्ली में चुनावी प्रक्रिया पूरी तरह से तैयार है और मतदान के लिए 13,033 मतदान केंद्र बनाए गए हैं, जिनमें से 210 मॉडल मतदान केंद्र होंगे।

राजीव कुमार ने जम्मू और कश्मीर में चुनावी तारीखों की घोषणा के समय भी शायराना अंदाज अपनाया था। उन्होंने कहा, “लंबी कतारों में है बदलते सूरत-ए-हाल की कहानी, रोशन उम्मीदें करेंगी गोया अपनी तकदीरों की बयानी। जम्हूरियत के जश्न में आपकी शिरकत, दुनिया देखेगी नापाक इरादों की शिकस्त की कहानी।” इस शेर में उन्होंने लोकतंत्र की ताकत और लोगों की सहभागिता को महत्वपूर्ण बताया।

इस प्रकार, राजीव कुमार की शायराना शैली न केवल चुनावी माहौल को जीवंत और आकर्षक बनाती है, बल्कि उनके शब्द लोगों के दिलों को भी छू जाते हैं और लोकतंत्र की शक्ति का एहसास कराती है। चुनाव आयोग के इस सशक्त और पारदर्शी रवैये से यह स्पष्ट होता है कि आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव शांतिपूर्ण, निष्पक्ष और लोकतांत्रिक प्रक्रिया के तहत होंगे।

– कार्तिक

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